पश्चिम बंगाल में एक तरफ बीजेपी और टीएमसी तो दूसरी तरफ सरकार और गवर्नर इनके बीच विवाद दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। इसी विवाद के कारण बीजेपी से टीएमसी में गए बाबुल सुप्रियो चुनाव जीतने के बाद भी शपथ नहीं ले पा रहे हैं, हालांकि अब शपथ लेने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।

दरअसल पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़, विधानसभा अध्यक्ष से सदस्यों को शपथ कराने की शक्ति वापस ले चुके हैं। जिसके कारण बाबुल सुप्रियो चुनाव जीतने के बाद भी विधायकी की शपथ नहीं ले पाए हैं। हालांकि अब राज्यपाल ने अड़चन को दूर करते हुए डिप्टी स्पीकर को शपथ दिलाने का अधिकार दे दिया है।

राज्यपाल ने कहा- “भारत के संविधान के अनुच्छेद 188 द्वारा मुझमें निहित शक्ति के आधार पर मैं आशीष बनर्जी, उपाध्यक्ष, पश्चिम बंगाल विधान सभा, को उस व्यक्ति के रूप में नियुक्त करता हूं, जिसके सामने बाबुल सुप्रियो शपथ लेंगे।

इससे पहले राज्यपाल ने शपथ ग्रहण समारोह से संबंधित फाइल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में एक फाइल राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजी गई थी। जिसमें राज्यपाल से सहमति मांगी गई थी, ताकि शपथ ग्रहण समारोह विधानसभा परिसर के भीतर आयोजित किया जा सके और अध्यक्ष बिमान बनर्जी शपथ दिला सकें। इस फाइल को राज्यपाल ने लौटा दिया था। इससे पहले ममता बनर्जी भी जब उपचुनाव में जीत कर विधानसभा पहुंचीं तो राज्यपाल के साथ शपथ को लेकर विवाद हो गया था।

बता दें कि बाबुल सुप्रियो हाल ही में बालीगंज से विधायक चुने गए हैं। सुप्रियो पहले बीजेपी में थे, वहां सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं, लेकिन कुछ महीनों पहले हुए विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी की हार हुई और सुप्रियो ने राज्य नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल लिया, तभी से अटकलें थीं कि वो बीजेपी नेतृत्व से नाराज हैं।

इसके बाद जब केंद्रीय मंत्री की कुर्सी उनसे छीन ली गई तब सुप्रियो ने पहले राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया, फिर कुछ दिनों बाद टीएमसी में शामिल हो गए। जहां से टीएमसी ने उन्हें विधायक का टिकट दे दिया और उनकी सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को मैदान में उतार दिया। दोनों ही जगहों पर टीएमसी को जीत मिली।