पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के ठीक पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए थे। चुनाव बाद टीएमसी के फिर से पूरी बहुमत की सरकार बनने पर कई नेता और कार्यकर्ता दोबारा अपनी पुरानी पार्टी में जाने लगे। कई नेता चले भी गए और कई लोग जाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि नेताओं की वापसी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की सहमति के बाद ही संभव हो सकेगा।
इस बीच कई नेता और कार्यकर्ता अपने चुनाव पूर्व राजनीतिक फैसले को गलत मानते हुए पार्टी में वापसी से पहले निष्ठा साबित करने के लिए अपने सिर को मुंड़वा रहे हैं। कई लोग स्वयं को सैनिटाइजर में डुबोकर प्रतीकात्मक रूप से खुद को शुद्ध कर रहे हैं। हालांकि इस कदम को लेकर तमाम तरह के विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। भाजपा ने इसे तानाशाही रवैया बताया। पार्टी सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने इसकी कठोर निंदा करते हुए कहा कि इस तरह का सार्वजनिक अपमान 1960 के चीन की याद दिलाता है।
Many will recall the horrors of China’s Cultural Revolution in the mid-1960s: mass denunciations, self-criticism & other forms of public humiliation of people by Red Guards, and destruction of shrines. These scenes are now being re-enacted across W.Bengal against BJP workers.
— Swapan Dasgupta (@swapan55) June 23, 2021
उन्होंने कहा, “कई लोग 1960 के दशक के मध्य में चीन की सांस्कृतिक क्रांति की भयावहता को याद करेंगे: सामूहिक निंदा, आत्म-आलोचना और रेड गार्ड्स द्वारा लोगों के सार्वजनिक अपमान के अन्य रूप, और मंदिरों का विनाश। इन दृश्यों को अब भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पश्चिम बंगाल में फिर से लागू किया जा रहा है।”
गुरुवार को बीरभूम जिले में भाजपा के करीब डेढ़ सौ कार्यकर्ताओं पर टीएमसी में शामिल होने से पहले सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। इसे कार्यकर्ताओं में भाजपा के विषाणु की सफाई बताई गई।
इससे पूर्व कुछ समय पहले टीएमसी के वरिष्ठ नेता मुकुल राय भाजपा से अपनी पुरानी पार्टी में लौट चुके हैं। वे और उनके बेटे सीएम ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के समक्ष पार्टी की दोबारा सदस्यता ग्रहण की थी। उस समय कहा गया था कि जल्द ही भाजपा में गए कई और नेता तथा कार्यकर्ता पार्टी में लौटेंगे।
हालांकि पार्टी सुप्रीमों ममता बनर्जी ने साफ कर दिया था कि उन्हीं लोगों को वापस पार्टी में लिया जाएगा, जो चुनाव से काफी पहले ही भाजपा में चले गए थे। चुनाव के ठीक पहले जाने वालों को किसी भी हालत में वापस नहीं लिया जाएगा। उनका इशारा भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर था।