टाटा समूह एक बार फिर बंगाल में बड़े निवेश के लिए तैयार हो गया है। राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक टाटा समूह राज्य में किसी बड़ी विनिर्माण इकाई को स्थापित कर सकता है। सूत्रों ने बताया कि सिंगुर मामले के बाद से ही टाटा प्रबंधन संग राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र लगातार बातचीत कर रहे थे। इतना ही नहीं निवेश के संदर्भ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी टाटा प्रबंधन से बातचीत हुई है। बताया गया है कि इस बातचीत के क्रम में राज्य सरकार ने टाटा समूह को सभी तरह के सहयोग का भरोसा दिया है, जिसके बाद ही टाटा समूह राज्य में बड़े निवेश के लिए तैयार हुआ है।

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मालूम हो कि हुगली जिले में टाटा की नैनो कार परियोजना के लिए अधिगृहित जमीन पर लंबा विवाद चला। इस अधिग्रहण के खिलाफ बनर्जी ने तत्कालीन वाममोर्चा सरकार के खिलाफ 2010 में मोर्चा खोला था और टाटा को पीछे हटना पड़ा था। बीते महीने आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने जमीन लौटाने का आदेश दिया था, जिसके बाद से जमीन लौटाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद से यह कयास लग रहे थे कि टाटा समूह राज्य में नए सिरे से निवेश के लिए आग्रही नहीं हो सकता है, लेकिन अब इस पर विराम लगता दिख रहा है।