पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में कुछ महीनों का समय बाकी है। हालांकि, इससे पहले ही पार्टी से वफादार साथियों का जाना शुरू हो गया है। पहले बंगाल सरकार में मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी, पश्चिम बर्धमान के टीएमसी जिला प्रमुख और पंदबेश्वर से विधायक जितेंद्र तिवारी ने पार्टी से इस्तीफा दिया। इसके बाद शुक्रवार को बैरकपुर से विधायक शीलभद्र दत्ता और टीएमसी अल्पसंख्यक इकाई के महासचिव कबीरुल इस्लाम ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। राज्य की ममता सरकार के लिए एक के बाद एक नेताओं का पार्टी छोड़ना बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह सभी नेता बंगाल के एक बड़े क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं।
शीलभद्र दत्ता ने चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने इस्तीफे की सूचना दी। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले तृणमूल के एक सांसद समेत 60 नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। इन सभी के शाह की मौजूदगी में ही भाजपा जॉइन करने की भी अटकलें हैं। बता दें कि बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने सांसद सुनील मंडल समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद तिवारी ने पार्टी से इस्तीफे का ऐलान कर दिया था।
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह इस हफ्ते के अंत में ही बंगाल का दौरा कर सकते हैं। वे मेदिनीपुर जिले में एक सभा को संबोधित भी करेंगे। ऐसे में टीएमसी नेताओं के भाजपा में शामिल होने के कयास तेज हो गए हैं। फिलहाल अब तक किसी नेता ने भाजपा के समर्थन में खुलकर बयान नहीं दिए हैं, हालांकि सीएम ममता बनर्जी के विरोध में स्वर उठाने वाले नेताओं की पार्टी में संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार सुबह पार्टी विधायकों के साथ बैठक बुलाई है। इसमें विधायकों के पार्टी छोड़ने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इससे पहले ममता बनर्जी ने अधिकारी के इस्तीफे के बाद कहा था कि टीएमसी बरगद के पेड़ की तरह है, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। दो-तीन ऐसे लोग, जिन्हें पार्टी से टिकन नहीं मिलना था, उनके जाने से इसे कुछ नहीं होगा।