पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय को तृणमूल कांग्रेस के पीछे लगा दिया है, क्योंकि वह उनके खिलाफ बोलती हैं। ममता ने शनिवार को कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मध्य कोलकाता के सत्यनारायण पार्क में आयोजित पार्टी की एक रैली में कहा, ‘मोदी, भाजपा, कांग्रेस और माकपा भी यदि हाथ मिला लें फिर भी मैं उनसे भयभीत नहीं। आप चाहें तो सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय को हमारे पीछे छोड़ सकते हैं। प्रत्येक दिन आप लोग हमारा अपमान कर रहे हैं। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करुंगी, मैं ऐसे हमलों का जवाब दूंगी।’ उन्होंने कहा, ‘माकपा, कांग्रेस, भाजपा मोदीजी के साथ हमें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। वे हमें प्रताड़ित कर रहे हैं। मैं दिल्ली से नहीं डरती, मैं कांग्रेस से नहीं डरती, मुझे माकपा से डर नहीं लगता, मैं मोदीजी से भयभीत नहीं।’

उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली में सत्ता में होगी लेकिन उससे उन्हें किसी का अपमान करने और उसे प्रताड़ित करने का अधिकार नहीं मिल जाता है। ममता ने कहा, ‘आप (भाजपा) हो सकता है कि सत्ता में आ गए हों, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप पूरे जीवन भर सत्ता में रहेंगे। जो भी आप लोगों से सहमत नहीं आप उनके पीछे सीबीआइ, आयकर और प्रवर्तन निदेशालय को लगा रहे हैं। आयकर की प्रताड़ना के चलते 70 हजार से अधिक उद्योगपति देश छोड़कर जा चुके हैं।’

ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा के कुछ नेता हैं, जो मांग करते हैं कि किसी अधिकारी का स्थानांतरण किया जाए और उसका स्थानांतरण कर दिया जाता है। वे मांग करते हैं कि ममता बनर्जी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। मैं चुनाव आयोग के खिलाफ कुछ भी नहीं कहूंगी क्योंकि वह भाजपा, माकपा और कांग्रेस है जिन्होंने आरोप लगाया है।’ ममता की यह टिप्पणी चुनाव आयोग की ओर से उन्हें 14 अप्रैल को नोटिस जारी करने की पृष्ठभूमि में आई है।

ममता ने नारद स्टिंग ऑपरेशन का उल्लेख करते हुए सवाल किया इस पर एक निर्णय पर कैसे पहुंचा जा सकता है जबकि लोकसभा की आचार समिति की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘वे (तृणमूल के) पांच सांसदों को स्टिंग ऑपरेशन के नाम पर हटाना चाहते हैं। यदि कोई आवाजा उठाता है उसे हटा दिया जाएगा। वे कह रहे हैं आचार समिति इस पर निर्णय करेगी। यदि आचार समिति मामले पर निर्णय करेगी तो वे पहले ही यह कैसे कह रहे हैं कि उन्हें सांसद पद से हटा दिया जाएगा। उन्हें हटाने वाले आप कौन होते हैं?’