पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव भले ही अगले साल हो लेकिन प्रदेश भाजपा इकाई अभी से इसकी तैयारियों में पूरी तरह से जुट गई है। बंगाल इकाई ने राष्ट्रीय नेतृत्व से राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए 6 केंद्रीय मंत्रियों की मांग की है।
बुधवार को प्रदेश कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत राज्य के कई नेता मौजूद थे। बैठक में कहा गया कि राज्य में पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद पटेल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और किरेन रिजिजू को बुलाने की मांग की जाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ये मंत्री राज्य में एक से डेढ़ महीने चुनाव प्रचार करेंगे।
इसके बाद पार्टी एक बैठक करेगी उसमें आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी धाराप्रवाह बंगाली बोलती हैं। धर्मेंद्र प्रधान के ओडिशा के करीब क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है। वहीं, रिजिजू उत्तरपूर्वी राज्यों के पास के इलाकों में प्रचार करेंगे।
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के कृषि बिल के खिलाफ विपक्ष के अभियान का मुकाबला करने की उम्मीद है। एक सूत्र ने कहा, ‘चूंकि पश्चिम बंगाल में रेलवे का व्यापक नेटवर्क है, इसलिए रेल मंत्री पीयूष गोयल भी प्रभावशाली हो सकते हैं। वहीं, प्रह्लाद पटेल संस्कृति और युवाओं पर केंद्रित हमारे चुनावी अभियान में फिट होंगे।’
बैठक में शामिल होने वाले पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा जल्द ही राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करेगी, जो “राजनीतिक हत्या, लोकतंत्र की हत्या और राज्य में अराजकता” पर केंद्रित होगी। पार्टी का नैरेटिव यह होगा कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के सांस्कृतिक और सामाजिक चरित्र को बदलने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी तृणमूल पर मुस्लिमों का समर्थन हासिल करने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाती रही है। इसके तहत वे कहते हैं कि बांग्लादेश से अवैध अप्रवासी को राज्य में बसाया जा रहा है। पार्टी ने गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में युवाओं के “कट्टरपंथीकरण” के खिलाफ हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी राज्य को “आतंकवाद के लिए पनपने की भूमि” में बदलने की कोशिश कर रही है।