पश्चिम बंगाल में भाजपा की लोकप्रियता तेजी से बढ़ती दिखाई दे रही है। इसके बावजूद कई साल तक आरएसएस और फिर भाजपा में शामिल रहे एक नेता ने बीजेपी से दामन छुड़ाकर टीएमसी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। नेता का आरोप है कि ‘भाजपा अब बदल गई है और जनसरोकार से दूर होती जा रही है।’ ये नेता हैं कृषानु मित्रा। बता दें कि टीएमसी में शामिल होने वाले कृषानु भाजपा के प्रवक्ता और मीडिया सेल के प्रमुख रहे हैं। इससे पहले 45 वर्षीय कृषानु 29 साल तक आरएसएस से भी जुड़े रहे और साल 2009 में भाजपा में शामिल हुए। साल 2017 में कृषानु मित्रा ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

हाल ही में टीएमसी में शामिल होने वाले मित्रा ने हफिंटन पोस्ट के साथ बातचीत में बताया कि बीजेपी में इतने साल रहने के बाद उन्हें एहसास हुआ है कि ममता बनर्जी दिल्ली पर आश्रित रहने वाली नेता नहीं हैं और यही वजह है कि वह राज्य के मामलों पर बेहतर तरीके से फोकस कर पाती हैं। इतने सालों तक भाजपा से जुड़े रहने के बाद पार्टी छोड़ने की वजह बताते हुए मित्रा ने बताया कि ‘उन्होंने सामाजिक आर्थिक बदलाव के लिए राजनीति में एंट्री का फैसला लिया था लेकिन अब भाजपा भी अन्य पार्टियों की तरह कैडर बेस्ड पार्टी बनती जा रही है, जिनसे बंगाल में पहले से ही काफी परेशानी रही है।’

भाजपा द्वारा दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को पार्टी में शामिल करने का भी मित्रा ने विरोध किया। उनका कहना है कि जो लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं, वह ये नहीं चाहते कि लोगों के जीवन में बदलाव और आर्थिक तरक्की हो बल्कि वह सिर्फ पॉवर में आना चाहते हैं और वह बीजेपी को एक प्लेटफॉर्म की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

मित्रा के अनुसार, जो लोग गांवों और छोटे शहरों में घृणा और प्रताड़ना कर रहे थे, वह आज भाजपा नेता हैं। मित्रा के अनुसार भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। जब हम आरएसएस में थे तब हम हर मुद्दे पर खुलकर बात करते थे फिर चाहे वो साहित्य हो या फिर सरकार की नीतियां। लेकिन आज स्थिति ये है कि अगर कोई व्यक्ति भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाता है तो उसे बुरी तरह ट्रोल किया जाता है, जो कि बेहद खतरनाक स्थिति है।

कृषानु मित्रा ने भाजपा पर हिंदी को थोपने का भी आरोप लगाया और सवाल किया कि कैलाश विजयवर्गीय लंबे समय से पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी हैं लेकिन वह अभी भी बंगाली नहीं बोल पाते हैं। सुशांत सिंह राजपूत केस में जिस तरह से रिया चक्रवर्ती के बहाने बंगाली महिलाओं को ट्रोल किया जा रहा है, उसे लेकर भी मित्रा के मन में नाराजगी है।