पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस में सजा मांगने का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक समाचार चैनल से कहा कि, “मैं समझता हूं कि हम चीजों की समीक्षा करें और समीक्षा करने बाद यदि चूक प्रभारी से हुई है तो प्रभारी को सजा मिलनी चाहिए। जिससे भी चूक हुई है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। लेकिन यदि हम कह दें कि सबको इस्तीफा देना चाहिए ,तो ये ठीक नहीं होगा। प्रियंका गांधी जी ने अभूतपूर्व मेहनत की है, पूरी दुनिया इसकी साक्षी है। मैं समझता हूं इससे बेहतर कोई चुनाव नहीं लड़ा जा सकता यूपी में।”
इसके साथ ही हरीश रावत ने आगे चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई है हरीश रावत ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से कहा कि, “मैं सभी उम्मीदवारों की हार का उत्तरदायित्व अपने सर पर ले चुका हूं और सभी को मुझ पर गुस्सा निकालने, खरी खोटी सुनाने का हक है। श्री प्रीतम सिंह जी ने एक बहुत सटीक बात कही कि आप जब तक किसी क्षेत्र में 5 साल काम नहीं करेंगे तो, आपको वहां चुनाव लड़ने नहीं पहुंचना चाहिए। फसल कोई बोये, काटने कोई और पहुंच जाए। यह उचित नहीं है।”
रामनगर से चुनाव न लड़ने के सम्बन्ध में हरीश रावत ने लिखा कि, “स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में राय दी गई कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए अन्यथा गलत संदेश जाएगा। इस सुझाव के बाद मैंने रामनगर से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की। रामनगर मेरे लिए नया क्षेत्र नहीं था। मैं 2017 में वहीं से चुनाव लड़ना चाहता था। मुझे रामनगर से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का था और मुझे रामनगर के बजाय लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का ही था। मैं रामनगर से ही चुनाव लड़ना चाहता था।”
हरीश रावत को सन्यास ले लेना चाहिए: वहीं कांग्रेस की हार पर बीजेपी नेता बंशीधर भगत ने चुटकी लेते हुए कहा कि हरीश रावत के अब संयास लेने का समय आ गया। बंशीधर भगत ने हरीश रावत को उनका पुराना बयान याद दिलाते हुए कहा कि हरीश रावत ने ही कहा था कि या तो वो मुख्यमंत्री बनेंगे या घर बैठ जाएंगे। उन्हें अपनी बात पर कायम रहना चाहिए।
बता दें कि CWC की मीटिंग में भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की। सोनिया गांधी ने कहा कि यदि हार के लिए हम जिम्मेदार है तो मैं, राहुल और प्रियंका पार्टी के लिए कोई भी बलिदान देने देने को तैयार है। मीटिंग में फैसला हुआ की सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनीं रहेंगी।