उत्तराखंड में राज्य सभा की एक सीट पर चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा को करारा झटका देते हुए निर्दलीय उम्मीदवार गीता ठाकुर ने कांग्रेस ज्वॉइन करने का एलान कर दिया। ठाकुर भाजपा की राज्य सचिव थीं और 2012 विधानसभा चुनाव गंगोलीहाट सीट से चुनाव भी लड़ी थीं। बताया जा रहा है कि ठाकुर ने सीएम हरीश रावत को खत लिखकर कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा भी जताई है। इधर, भीमताल से भाजपा विधायक धन सिंह भंडारी ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।
रावत के मीडिया एडवाइजर सुरेंद्र अग्रवाल ने बताया, ”उन्होंने(गीता) कांग्रेस में वापस आने की इच्छा जताई है। पार्टी उनका स्वागत करती है। वह पिछले काफी समय से कांग्रेस के साथ थीं।” उत्तराखंड में राज्य सभा की एक सीट खाली है। इस पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के नामाकंन दाखिल करने के चलते चुनाव हो रहा है। गीता ठाकुर के अलावा भाजपा के राज्य एग्जीक्यूटिव मेंबर अनिल गोयल भी मैदान में हैं।
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भाजपा ने आधिकारिक रूप से किसी को मैदान में नहीं उतारा है क्योंकि उसके पास पर्याप्त विधायक नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि गीता ठाकुर ने कांग्रेस का दामन इसलिए थामा क्योंकि भाजपा ने उनसे राज्य सभा चुनाव में गोयल का समर्थन करने को कहा था। गीता ठाकुर दलित समुदाय से आती हैं।
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भाजपा के विनय गोयल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने लालच देकर गीता ठाकुर को अपनी ओर मिला लिया। कांग्रेस ने राज्य सभा के लिए प्रदीप टमटा को खड़ा किया है। भाजपा नेता तरुण विजय का कार्यकाल खत्म होने के चलते यह सीट खाली हुई है। उत्तराखंड में इस समय 59 विधायक हैं। राज्य सभा सीट जीतने के लिए 31 विधायकों की जरूरत है। कांग्रेस और भाजपा के पास 26-26 विधायक हैं। कांग्रेस के पास पीडीएफ के छह विधायकों का समर्थन भी है।
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