अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर 2017 की तुलना में 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं बीजेपी ने सबसे अधिक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की है। 2017 के मुकाबले 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन आरक्षित सीटों पर थोड़ा खराब रहा है। यूपी में 84 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है जबकि 2 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।

2017 के विधानसभा चुनाव में 69 आरक्षित सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि 3 सीटों पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और 2 सीट पर अपना दल (सोनेलाल) को जीत मिली थी। 2017 में अपना दल (सोनेलाल) और सुभासपा का गठबंधन बीजेपी से था। और कुल 74 सीट बीजेपी गठबंधन को हासिल हुई थी। वहीं समाजवादी पार्टी ने 7, बीएसपी ने 2 दो और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी।

2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) के साथ 63 आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की, जो 2017 की तुलना में 11 सीट कम है। जबकि बीजेपी की दूसरी सहयोगी निषाद पार्टी ने एक भी आरक्षित सीट पर चुनाव नहीं लड़ा। समाजवादी पार्टी गठबंधन ने 20 आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की। 2022 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा, आरएलडी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था। समाजवादी पार्टी ने 16 ,आरएलडी 1 और सुभासपा ने 3 आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की। इन सीटों पर 2017 की तुलना में 2022 में समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन में सुधार हुआ है।

2017 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के दो विधायक आरक्षित सीटों से चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी एक भी आरक्षित सीट जीतने में सफल नहीं हुई। जबकि इस बार आरक्षित के साथ ही साथ सामान्य सीटों पर भी बीएसपी ने दलित उम्मीदवार उतारे थे। वहीं समाजवादी पार्टी ने पिछले चुनाव की तुलना में 2022 के चुनाव में अधिक आरक्षित सीटें जीती। लेकिन आरक्षित सीटों पर औसत जीत का अंतर बीजेपी का समाजवादी पार्टी से अधिक है।

2022 के विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों पर बीजेपी ने औसतन 28,667 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। जबकि समाजवादी पार्टी ने औसतन 13,967 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। ये संख्या दर्शाती है कि बड़ी संख्या में दलित वोट बीएसपी से बीजेपी की ओर ट्रांसफर हुआ और समाजवादी पार्टी की तुलना में बीजेपी को अधिक दलित वोट मिला।

बता दें कि यूपी में 22 फीसदी से अधिक दलित आबादी रहती है और इसमें सबसे अधिक जाटव दलित आबादी है। यूपी की 50 से अधिक विधानसभाओं में जाटव दलित राजनीति की दृष्टि से निर्णायक भूमिका निभाते हैं।