आपका सपोर्ट चाहिए भइया, वोट हो ना हो। उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह कुछ इस अंदाज में लोगों से वोट मांग रही हैं। लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन के तहत प्रियंका गांधी ने पहले रेप पीड़िता को टिकट देने की ख्वाहिश जताई थी लेकिन उम्र आड़े आई तो मां आशा सिंह को टिकट दे दिया। बेटी मां के साथ घूमकर हाथ के पंजे पर मुहर लगाने की अपील कर रही है।

उन्नाव कचहरी में जब आशा सिंह ने लोगों से समर्थन की अपील की तो कांग्रेस की उन्नाव यूनिट के सदस्य सरफराज हुसैन गांधी ने उन्हें टोकते हुए कहा कि सिर्फ सपोर्ट से काम नहीं चलेगा। वोट भी मांगना जरूरी है। उन्नाव में बुधवार को चौथे चरण के चुनाव के तहत वोट डाले जाएंगे। आशा सिंह का मुकाबला बीजेपी के सिटिंग एमएलए पंकज गुप्ता के साथ सपा के डॉ. अभिनव कुमार और बीएसपी के देवेंद्र सिंह से हो रहा है।

कांग्रेस इस सीट पर 1967 के बाद से जीत हासिल नहीं कर सकी है। इस इलाके के कभी सपा का गढ़ माना जाता था। लेकिन 1991 के बाद से बीजेपी यहां पर तीन बार जीत हासिल कर चुकी है। सपा ने यहां से पांच तो बसपा ने भी एक बार जीत दर्ज कराई है। कुलदीप सेंगर ने तब 2002 मे मायावती की पार्टी से परचम लहराया था। फिलहाल वो जेल की सींखचों के पीछे है।

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आशा सिंह की बेटी बताती हैं कि अपने केस के सिलसिले में वो प्रियंका गांधी से मिली थीं। जब चुनाव नजदीक आए तो उन्होंने मैदान में उतरने की इच्छा जाहिर की लेकिन उम्र आड़े आ गई। उनका कहना है कि 2027 तक वो चुनाव लड़ने के योग्य हो जाएंगी। वो मां के साथ लोगों से समर्थन और वोट की अपील करती दिखती हैं पर अपना परिचय रेप पीड़िता के तौर पर नहीं देती हैं। हालांकि, लोग उनके बारे में पहले से ही जानते हैं। वो कहती हैं कि जो हुआ मेरे साथ हुआ पर किसी और के साथ ऐसा नहीं होने दूंगी। डर की गुंजाइश नहीं, वो लड़ने आई हैं।

गौरतलब है कि आशा सिंह की बेटी से रेप के आरोप में बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर जेल में है। उनके पति की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। सेंगर पर ही उनकी हत्या का आरोप है। सेंगर को दिल्ली की कोर्ट ने दोनों मामले में सजा सुनाई है।