असेंबली चुनाव के बाद विधान परिषद में मिली शिकस्त सपा को काफी साल रही है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को चुनाव में भाजपा पर मनमानी और धांधली का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र को कमजोर करने का काम किया है। उन्होंने इस समय को लोकतंत्र, संविधान का संक्रमण काल बताया। ये भी कहा कि वो अपनी लड़ाई लड़चते रहेंगे।
अखिलेश के सभी आरोपों को सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने सपा के ऑफिसियल फेसबुक पेज पर अपलोड भी किया है। इसमें कहा गया है कि 18 सीटों पर सीएम योगी की जाति के लोग जीते हैं। उनका कहना है कि सामाजिक न्याय को मजबूत करने की लड़ाई सपा लड़ती रहेगी। चुनाव में जो धांधली हुई उसके बारे में सपा ने पहले ही निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर इस बारे में आगाह किया था। उनका कहना है कि पहले पंचायत चुनाव फिर असेंबली और अब विधान परिषद इलेक्शन में सत्ताधारी बीजेपी ने जमकर धांधली मचाई।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में भाजपा की एकतरफा जीत हुई है। जबकि समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। अखिलेश की पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं आई है। जो तीन सीटें बीजेपी ने हारीं उनमें से दो पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते। एक सीट जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के खाते में गई है।
विधान परिषद की 36 में से 9 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीतकर आ गए थे। 27 पर हुए चुनाव में बीजेपी ने 24 सीटें जीत लीं। इन चुनावों में बीजेपी ने 36 में से 16 टिकट ठाकुरों को दिए थे। दूसरी तरफ सपा ने 27 में से 15 सीटों पर यादव बिरादरी के प्रत्याशी मैदान में उतारे थे।
चुनाव से पहले माना जा रहा था कि बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। लेकिन बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की। 40 साल में ये पहली बार है जब यूपी विधान परिषद में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है। इसके पहले 1982 में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत था। यूपी विधान परिषद में 100 सीटें हैं। इनमें से 36 सीटों के लिए चुनाव हुए। नौ सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की।