यूपी के गाजियाबाद में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बीते दिनों ‘लव जिहाद‘ का मामला बताते हुए एक युवक के खिलाफ अपनी बेटी से शादी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। नई दिल्ली में तैनात अधिकारी के. सारंगी ने गाजियाबाद में केस दर्ज कराया था। हालांकि, इस प्रकरण में अब बेटी के बयान के बाद पुलिस और राष्ट्रीय महिला आयोग ने पिता के मामले को खारिज कर दिया है।
अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मेरठ के मवाना निवासी युवक अब्दुल रहमान ने 2017 में अपनी बेटी डॉ. हर्ष भारती सारंगी को एक साजिश के तहत फंसाया था और अब उसके साथ धोखे से शादी कर ली है। गाजियाबाद के एसपी मुनिराज जी ने लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर अब्दुल रहमान के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की पुष्टि की थी।
हालांकि एसपी ने दावा किया कि रहमान और डॉ. सारंगी दोनों 2018 से साथ रह रहे थे। गौरतलब है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही शादी के बाद धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाया था। अपनी शिकायत में, आईएएस अधिकारी ने कथित तौर पर रहमान पर धर्मांतरण के लिए मजबूर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
उन्होंने शिकायत में यह भी दावा किया कि जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ मौजूदा कानून के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए रहमान ने बेटी हर्ष भारती सारंगी से शादी एक आर्य समाज मंदिर में की और विवाह प्रमाण पत्र हासिल किया। इस मामले में रहमान के अलावा, वैदिक हिंदू सभा के गाजियाबाद पदाधिकारियों और आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अधिकारी ने यह भी उल्लेख किया कि उनकी बेटी 2016 में यूक्रेन से एमबीबीएस पूरा करने के बाद लौटी थी। तब से रहमान उसका पीछा कर रहा था। जबकि इस मामले में अधिकारी की बेटी ने अपने माता-पिता पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पति डॉ. अब्दुल रहमान व अपने बच्चे के साथ रहना चाहती हैं। उनके माता-पिता मारपीट करते थे और झूठी शान के लिए अपनी मर्जी से शादी कराना चाहते थे।
डॉ. हर्ष भारती सारंगी ने बताया कि वह 2017 में अब्दुल से मिली थीं और खाना बनाते समय जलने पर अब्दुल ने ही उनकी जान बचाई थी। माता-पिता के उत्पीड़न के बाद अलग रहने लगीं और उन्होंने ही डॉ. रहमान से शादी का प्रस्ताव रखा था। फिर हिंदू मैरिज एक्ट के सभी प्रावधानों का पालन करते हुए शादी का पंजीकरण हुआ। उन्होंने कहा कि वह सबूत देकर कोर्ट में साबित कर देंगी कि उनकी शादी वैध है।