Ghosi Bypoll 2023: यूपी की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है। इस सीट से बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को प्रत्याशी घोषित किया है। इसी क्रम में रविवार मऊ जिले के थाना सराय लखांशी क्षेत्र के अदरी गांव के पास प्रचार के वक्त दारा सिंह चौहान पर स्याही फेंकी गई। चौहान पर स्याही उस वक्त फेंकी गई तब वो कार से उतर रहे थे। इसी दौरान कार्यकर्ता उनका स्वागत कर रहे थे, तही किसी ने उनके चेहरे पर स्याही फेंक दी।

स्याही दारा सिंह चौहान की आंखों में चली गई। इससे कुछ देर के लिए वहां अफरा-तफरी मच गई। गार्ड ने तुरंत दारा सिंह चौहान को पीछे किया और आरोपी शख्स को पकड़ने के लिए आगे गए।

स्याही फेंके जाने पर दारा सिंह चौहान ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि घोसी उपचुनाव में सभी के सारे समीकरण ध्वस्त हो चुके हैं। हमें हर धर्म का व्यापक समर्थन मिल रहा है। भाजपा यहां से भारी मतों से जीतने जा रही है। इसी से हताश-निराश विरोधी दल इस तरह की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने इन सबके बावजूद घोसी की जनता इसका जवाब 5 सितंबर को कमल का बटन दवाकर देगी।

दारा सिंह चौहान ने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गया था और उसी बीच कोई आया और स्याही फेंकी। यह काम बौखलाहट में किया गया है। यह दिखाता है कि उन्होंने चुनाव में हार मान ली है… हमने इस घटना के बारे में पुलिस को बताया है और पुलिस इसमें कार्रवाई करेगी।’

चौहान ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामों पर घोसी की जनता मुहर लगाने जा रही है। इसी बात की घबराहट समाजवादी पार्टी में देखने को मिल रही है, इसीलिए ये काम सपा के लोगों ने किया है। बीजेपी प्रत्याशी ने बताया कि हम लोग मीटिंग करके एक जगह कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए गाड़ी से उतर रहे थे, तभी भीड़ में से कोई स्याही फेंक कर भाग गया। उसको पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वो भाग गया।

2017 में बीजेपी के टिकट पर चुने गए थे विधायक

दारा सिंह चौहान 2017 में बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने उनको घोसी से ही टिकट दिया और वह फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे। लेकिन करीब 1 साल बाद उन्होंने फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया। 

घोसी के जातिगत समीकरण की बात करें तो इस सीट पर सवर्णों और पिछड़ों का वर्चस्व माना जाता है। इस विधानसभा सीट पर करीब 70000 आबादी सवर्ण समाज की है तो वहीं डेढ़ लाख आबादी ओबीसी समाज की है। इस सीट पर दलित भी करीब 60 हजार की संख्या में हैं, जबकि मुस्लिम 70000 हैं।