प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से अधिकारियों की शिकायत करते हुए व्यवस्था में सुधार करने की बात कही है। विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि विधायक की सिफारिश के बाद भी रिश्वत ले ली जाती है और अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मेहनती हैं और ईमानदारी से भी काम करना चाहते हैं। जन प्रतिनिधियों को भी सम्मान देना चाहते हैं। मंत्री तो अधिकारियों से काम करवा लेंगे, लेकिन यूपी में इस वक्त अधिकारियों की जो हालत है, विधायकों के भी फोन नहीं उठाते हैं। विधायकों ने अगर सिफारिश कर दी है, तब भी उससे रिश्वत ले ली जाएगी, तो उसमें सुधार की जरूरत है। मैं मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचाना चाहता हूं कि व्यवस्था में सुधार आए। हम तो चाहते ही हैं कि उत्तर प्रदेश बहुत तरक्की करे।”
गौरतलब है कि गुरुवार (26 मई, 2022) को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट पेश किया गया। करीब साढ़े 6 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बजट पेश करते हुए यूपी सरकार ने इसे उज्जवल भविष्य का ड्राफ्ट बजट बताया है। बजट में किसानों, छात्रों, युवाओं, वृद्धावस्था पेंशन से लेकर पर्यटन स्थलों तक के सुधार के लिए करोड़ों रुपए के आवंटन की घोषणा की गई है।
राज्य सरकार ने उज्जवला योजना के तहत लाभार्थियों को साल में दो मुफ्त सिलेंडर देने, निजी ट्यूबवेल के बिजली बिल में 50 फीसद कटौती और वृद्धा पेंशन की राशि 500 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा, कानपुर, आगरा और गोरखपुर मेट्रो को भी बजट में शामिल किया गया है।
बजट को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर हमला कर रहा है। अखिलेश, मायावती और ओपी राजभर ने बजट को लेकर योगी सरकार को निशाने पर लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को मयाजाल करार देते हुए कहा कि इस बजट में कुछ भी नहीं है, इसे केवल घुमाया गया है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे घिसा-पिटा और अविश्वसनीय बताया है। वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने 2022-23 के बजट को हिताशा और निराशा का बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि महंगाई कम करने को लेकर बजट में कोई व्यवस्था नहीं है।