योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री योगी के साथ केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। केशव प्रसाद मौर्य के शपथ लेने के बाद मंच पर एक दिलचस्प नजारा दिखा। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य शपथ लेने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी और पीएम नरेन्द्र मोदी के पास पहुंच गए। इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने पीएम मोदी का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहा, लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद केशव मौर्य अपनी सीट पर जाकर बैठ गएं।

इसके पहले भी कई बार देखा गया है जब भी कोई नेता पीएम मोदी का पैर छूने की कोशिश करता है, पीएम मोदी तुरंत उसे रोक देते हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ के साथ 52 मंत्रियों ने शपथ ली है। योगी मंत्रिमंडल में नए चेहरों पर भी भरोषा जताया गया है और कई पुराने मंत्रियों को हटाया भी गया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भी योगी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया गया है।

ब्रजेश पाठक बनें उपमुख्यमंत्री: केशव प्रसाद मौर्य के साथ ब्रजेश पाठक ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ब्रजेश पाठक योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे। कभी बसपा में मायावती के करीबी माने जाने वाले ब्रजेश पाठक यूपी बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार हैं। ब्रजेश पाठक लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुएं हैं।

अरविन्द शर्मा भी बनें कैबिनेट मंत्री: पीएम मोदी के करीबी अरविन्द शर्मा भी कैबिनेट मंत्री बनाये गयें हैं। अरविन्द शर्मा यूपी विधानपरिषद के सदस्य हैं और पीएम मोदी के साथ उन्होंने लम्बे समय तक काम किया है। अरविन्द शर्मा VRS लेकर राजनीति में आयें हैं। वहीं योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सतीश महाना और जय प्रताप सिंह को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। खबर है कि सतीश महाना को यूपी विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर बीजेपी के सभी बड़े नेता मौजूद रहें। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडे, अजय मिश्रा टेनी, अनुराग ठाकुर समेत कई केंद्रीय मंत्री मंच पर मौजूद रहें। मंच पर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। साधु-संतों को भी शपथ ग्रहण के लिए विशेष रूप से आमंत्रण दिया गया था।