उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में थाने में किशोरी के साथ रेप के आरोपी एसएचओ (SHO) को बुधवार शाम प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी तिलकधारी सरोज बोला कि मामले में सही एजेंसी से जांच होनी चाहिए। वहीं, उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी ललितपुर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा, ”उसकी मां न्याय और सुरक्षा चाहती है।”

नाबालिग की मां की शिकायत के मुताबिक, चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया नाम के आरोपियों ने 22 अप्रैल को उसकी बेटी का अपहरण किया था। वह (आरोपी) उसे भोपाल ले गए, जहां चारों आरोपियों ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। इसके बाद वह नाबालिग को 26 अप्रैल के दिन पाली थाने के सामने छोड़कर चले गए थे।

इसके बाद, पुलिस इंस्पेक्टर ने नाबालिग को उसकी मौसी को सौंप दिया, जिसने बच्ची के माता-पिता को बताए बिना अपने घर पर रखा था। इस घटना के संबंध में पीड़िता को अगले दिन अपना बयान दर्ज कराने के लिए पाली थाने बुलाया गया और पूरे दिन वहीं रखा गया। इस दौरान शाम को नाबालिग की मौसी उसे एसएचओ पाली के सरकारी आवास पर ले गई, जहां पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया।

इस वारदात के बाद नाबालिग अपनी मौसी के साथ अपने घर लौट आई। हैरानी भरी बात यह रही कि पीड़िता की मौसी ने इस दौरान उसके माता-पिता को सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा। फिर कुछ दिन बाद 30 अप्रैल को नाबालिग फिर थाने गई, जहां से उसे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया। चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के दौरान, लड़की ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया, जिसके बाद नाबालिग के अभिभावकों से संपर्क किया गया।

अब इस मामले में मुख्य आरोपी थानाध्यक्ष समेत कुल छह लोगों को आरोपी बनाया गया। सभी छह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें नाबालिग लड़की की मौसी और उसका बेटा भी शामिल है। इस मामले में एडीजी जोन ने एक्शन लेते हुए 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया था और 24 घंटे में डीआईजी झांसी को जांच पूरी करने के निर्देश दिए था।