उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 52 मंत्रियों ने शुक्रवार को शपथ ली थी, जिनमें से एक केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष भी हैं। 42 वर्षीय आशीष पटेल जल निगम में इंजीनियर भी रहे हैं। अपना दल (एस) ने भाजपा के साथ गठबंधन में यूपी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे और 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने आशीष को कैबिनेट में शामिल करने की अपना दल (एस) की मांग को लंबे समय से रोक रखा था, जिसमें पिछली आदित्यनाथ सरकार द्वारा दो विस्तार भी शामिल हैं। फिलहाल, अनुप्रिया पटेल केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इस तरह पत्नी और पति दोनों ही भाजपा सरकार में मंत्री हैं।
संडे एक्सप्रेस के मुताबिक, आशीष कहते हैं कि वह समाज के लिए काम करने के एक और अवसर के रूप में इसे देखते हैं। उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करने के लिए राजनीति में आया कि समाज के सभी वर्गों को उनका अधिकार मिले। मैं उस दिशा में काम करना जारी रखूंगा।” झांसी के एक सरकारी कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक आशीष ने यूपी जल निगम में नौकरी इंजीनियर के तौर पर सेवा शुरू की।
अनुप्रिया पटेल की शादी आशीष पटेल के साथ 27 सितंबर 2009 में की थी। इसी साल अनुप्रिया को उनके पिता और कुर्मी नेता सोनेलाल पटेल के निधन के बाद अपना दल का महासचिव बनाया गया था। सोनेलाल पटेल ने 1995 में पार्टी की स्थापना की थी। अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल पार्टी की अध्यक्ष बनी थीं।
2012 में अनुप्रिया ने अपना पहला चुनाव जीता और वह विधायक बनीं। ओबीसी वोटों को देखते हुए, खासतौर पर, वाराणसी क्षेत्र के आसपास जहां से नरेंद्र मोदी अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, भाजपा ने 2014 में अपना दल के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। इसके दो साल बाद अनुप्रिया पटेल को केंद्र में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई।
2017 में आशीष पटेल ने सक्रिय राजनीति में उतरने का फैसला करते हुए जल निगम की नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। वह जल्द ही भाजपा के समर्थन से यूपी विधान परिषद के लिए चुने गए। उसके बाद से अपना दल ने आशीष को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। अपना दल के पास अब दो सांसद और नौ विधायक थे। उस वक्त आशीष को कैबिनेट में जगह नहीं मिली लेकिन एमएलसी के रूप में, उन्हें मॉल एवेन्यू के वीवीआईपी जोन में एक आलीशान बंगला आवंटित किया गया था, जो कभी पूर्व सीएम एन डी तिवारी के पास था।
एक पार्टी नेता ने बताया कि जब भी आशीष किसी शख्स को कोई कार्य सौंपते हैं तो व्हाट्सएप ग्रुप पर उसका स्टेटस अपडेट कर दिया जाता है। यदि संबंधित सरकारी अधिकारी काम में देरी करता है, तो इसकी जानकारी भी ग्रुप में दी जाती है और फिर आशीष खुद उस अधिकारी से बात करते हैं।