नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर बीते शुक्रवार को देश के कई शहरों में हिंसा हुई। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी हिंसा हुई थी, जिसमें लाखों का नुकसान हुआ था। प्रयागराज पुलिस ने प्रयागराज शहर में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद पंप को बताया है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए जावेद मोहम्मद का घर भी ढहा दिया। लेकिन अब बुलडोजर कार्यवाही के विरोध में विपक्ष खड़ा हो गया है।

बुलडोजर कार्यवाही को लेकर निजी टीवी चैनल आजतक पर बहस चल रही थी, जिसमें कांग्रेस प्रवक्ता और एआईएमआईएम प्रवक्ता दोनों मौजूद थे। बहस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “किसी भी सरकार को इजाजत नहीं होती कि वह पुलिस भी बन जाए, जज भी बन जाए और फैसला भी दे दे। अगर चुनी हुई सरकार का काम बुलडोजर चलाना होगा, तो फिर न्यायपालिकाओं की क्या जरूरत है? फिर अदालतें क्यों हैं? अदालतों पर ताला लगाकर बंद कर देना चाहिए।”

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा, “क्या यह संयोग नहीं है कि जो भी हिंसा में आरोपी होता है, सिर्फ उसी का घर ढहाया जाता है। बात कानूनी, गैरकानूनी की नहीं है। यह कानून तय करेगा कि किसका घर गैरकानूनी है। एक सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश की सरकार, उत्तर प्रदेश के कॉरपोरेशन गैरकानूनी जगहों से वाटर टैक्स, हाउस टैक्स ले रहे हैं?”

बहस के दौरान राजनीतिक विश्लेषक शांतनु गुप्ता भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, “10 मई को भी नोटिस दिया गया, 24 मई को भी जावेद मोहम्मद को नोटिस दिया गया और उसके बाद कार्यवाही की गई है। यह कार्यवाही पहले से तय थी। जिसका भी घर गैरकानूनी ढंग से बना है। चाहे वह आजम खान हो, मुख्तार अंसारी हो या विकास दुबे हो। उन सभी के घरों पर बुलडोजर चलेगा। जिसको दिक्कत है वह कोर्ट जा सकता है।”

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आगे पूछा, “भाजपा की बुलडोजर नीति को डिफेंड करने के लिए चैनल पर कोई भी भाजपा का प्रवक्ता नहीं मौजूद है। क्या भाजपा बुलडोजर कार्यवाही से खुद शर्म महसूस कर रही है?”