Om Prakash Rajbhar Saavdhan Yatra: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए सोमवार (26 सितंबर 2022) को ‘सावधान यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित 6 पार्क रोड विधायक निवास स्थित पार्टी कार्यालय से रथ यात्रा को रवाना किया।

सुभासपा की यह रथयात्रा एक महीने तक यूपी के सभी 75 जिलों से होकर बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 27 अक्टूबर को पार्टी के 20 स्थापना दिवस पर खत्म होगी। पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ओपी राजभर एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे। जिसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और भागीदारी पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता शामिल होंगे।

रोजगारपरक शिक्षा की मांग: सावधान यात्रा की शुरुआत के दौरान मीडिया से बात करते हुए ओपी राजभर ने कहा, “हम प्रदेशभर में लोगों को इस यात्रा के माध्यम से सावधान करना चाहते हैं, यह समझाना चाहते हैं कि जब तक प्रदेश में जाति आधारित जनगणना नहीं होगी, तब तक हक और हिस्सा नहीं मिलेगा।” उन्होंने कहा, “सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और भागीदारी पार्टी प्रदेश में जाति आधारित जनगणना कराकर, जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के आधार पर काम करना चाहती है।”

बिहार में यह है सवाल: राजभर ने कहा कि देश और प्रदेश में रोजगारपरक शिक्षा की मांग के लिए भी सावधान यात्रा के माध्यम से आवाज उठायी जाएगी। सुभासपा प्रमुख ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री हैं। वहां भी सवाल है कि एक समान अनिवार्य मुफ्त शिक्षा कब लागू करेंगे, गरीबों का इलाज फ्री करने की बात क्यों नहीं करते हैं?

जन जागरूकता अभियान चलाएंगे: एक महीने तक चलने वाली इस सावधान यात्रा के जरिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश के सभी जिलों, तहसील और ब्लॉक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाएंगे। इस अभियान के जरिए पार्टी की नीतियों और ओमप्रकाश राजभर के द्वारा उठाए गए मुद्दों को दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यक समाज के लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

सीएम योगी से की मुलाक़ात: हाल ही में सुभासपा अध्यक्ष ने यूपी के सीएम से मुलाक़ात के बाद उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा था, “उन्होंने जो लालबाग चौराहे का नाम राजभर महाराजा सुहेलदेव रखा है उसके लिए उनको बधाई देता हूं। पहले जो भी सरकार रही हो, कांग्रेस, बसपा, सपा, जनता दल जिसकी भी सरकार रही। किसी ने भी महाराजा सुहेलदेव के बारे में नहीं सोचा।”