उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर राज्य में ब्राह्मण समुदाय के कथित उत्पीड़न का आरोप लगाया जा रहा है। पहले इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और बसपा द्वारा योगी सरकार को निशाने पर लिया गया। अब आम आदमी पार्टी ने भी योगी सरकार की आलोचना की है और यहां तक कह दिया है कि बीजेपी का मतलब ‘ब्राह्मण जानलेवा पार्टी’ हो गया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी की छात्र विंग छात्र युवा संघर्ष समिति (CYSS) के प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दूबे ने यह आरोप लगाया है।
वंशराज दूबे ने कहा कि आज प्रदेश की जनता और विपक्षी पार्टियां ही नहीं बल्कि भाजपा के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने भी कहा है कि आज पुलिस थानों में जाति विशेष को देखकर कार्रवाई की जा रही है। दूबे ने कहा कि बिकरू कांड में एनकाउंटर में मारे गए प्रभात मिश्रा पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं था। इसी तरह वंशराज दूबे ने कई ऐसी घटनाएं गिनायी,जिनमें जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाया गया।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कोरोना के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा था। जिस पर योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा था कि हमने यूपी के लोगों को कोरोना से बचाने में महत्वपूर्ण काम किया है लेकिन दिल्ली के कुछ नमूने यहां आकर पूछते हैं कि आपने लोगों के लिए क्या किया? क्या रणनीति बनायी?
बता दें कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों ब्राह्मण वोटबैंक की राजनीति खूब गर्मायी हुई है। दरअसल विपक्ष का आरोप है कि योगी सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न हो रहा है। कानपुर के बिकरू कांड में विकास दूबे के एनकाउंटर के बाद यह चर्चा जोर पकड़ गई है और यूपी सरकार को ब्राह्मण विरोधी करार दिया जा रहा है।
अब ब्राह्मण समाज ने भी अपनी नाराजगी दिखानी शुरू कर दी है और पश्चिमी यूपी के मेरठ में हाल के समय में ब्राह्मण समाज के लोगों ने सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया।
बता दें कि यूपी में ब्राह्मण वोटबैंक 14 फीसदी है और यह राज्य का तीसरा बड़ा वोटबैंक है। यही वजह है कि यूपी चुनाव के करीब आते ही राज्य में ब्राह्मणों को अपने पाले में खींचने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। यूपी की राजनीति में ब्राह्मणों का दबदबा इसी बात से समझा जा सकता है कि राज्य में 50 से ज्यादा ब्राह्मण विधायक हैं और यूपी के 21 सीएम में से 6 ब्राह्मण रहे हैं।