उत्तर प्रदेश में 23 फरवरी को चौथे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। इन 9 जिलों में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा शामिल है। चौथे चरण के लिए आज शाम 6 बजे चुनाव प्रचार भी बंद हो जाएगा। वहीं 27 फरवरी को उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण के मतदान होगा। पांचवें चरण में 11 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होगा।
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार चौथे और पांचवें चरण की 70 सीटों पर राशन, सांड, सुरक्षा, सम्मान और मुसलमान शब्द सबसे अधिक सुनाई दे रहे हैं। इससे पता चलता है कि चौथे और पांचवें चरण में मतदान जाति पर होगा। उत्तर प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मुफ्त में दिए गए राशन बीजेपी के लिए रामबाण का काम कर रहे हैं। लोग ऐसा भी मानते हैं कि राशन वैक्सीन की दूसरी डोज से भी अधिक प्रभावी है।
उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सांड का मुद्दा उठाया और कहा कि सांड से लोग परेशान है, क्योंकि यह लोगों के खेत को बर्बाद कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी लगातार वोटरों से कह रही है कि मुफ्त में राशन भले ही मिला है, लेकिन सांडों ने आपके खेत को बर्बाद कर दिया है। गांव के लोगों ने भी कहा कि सांडों से खेतों की रक्षा करना सिरदर्द बन चुका है।
बीजेपी के नेता भी मानते हैं कि सांड वाला मुद्दा एक बड़ा मुद्दा है और योगी सरकार ने जब अवैध बूचड़खाने पर पाबंदी लगाई उसके बाद यह स्तिथि उत्पन्न हुई, लेकिन 10 मार्च के बाद उसका भी हल निकाला जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपनी उन्नाव रैली के दौरान कहा था कि छुट्टा जानवरों से जो समस्याएं हो रही हैं उसे दूर करने के लिए 10 मार्च के बाद नई व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी।
सुरक्षा और सम्मान: यूपी चुनाव में तीन शब्द- सुरक्षा, सम्मान और मुसलमान खूब सुनाई दे रहे हैं। सुरक्षा और सम्मान एक बड़ा मुद्दा है। महिलाएं मानती हैं कि पिछले 5 सालों में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी हुई है। साथ ही उन्हें सम्मान मिला है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले घर और उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन महिलाओं को बीजेपी की ओर खींच रहें हैं।
वहीं उत्तर प्रदेश के चुनाव में सम्मान जाति शब्द से जुड़ा हुआ है क्योंकि योगी सरकार पर ठाकुरवाद का भी आरोप लगता है। यादव समाज के लोगों को लगता है कि पिछले 5 सालों में उनके सम्मान को ठेस पहुंची है और इसका कारण योगी सरकार की नीतियां और बीजेपी के नेताओं द्वारा दिए गए बयान हैं।
मुसलमान सपा के साथ: इस बार का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कई मायनों में पहले के चुनावों से काफी अलग है। उत्तर प्रदेश में मुसलमान बसपा ,सपा और कुछ कांग्रेस में बंटते थे। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में मुसलमान समाज के लोग स्पष्ट हैं कि उसे अगर बीजेपी को हराने के लिए वोट करना है तो समाजवादी पार्टी को वोट देना होगा। मुस्लिम समुदाय के लोग ऐसा मानते हैं कि अगर सपा को छोड़कर किसी अन्य दल को वोट किया तो मुस्लिम वोटों में बंटवारा होगा और इससे बीजेपी को फायदा होगा।
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सेंट्रल यूपी में 85% से अधिक सीटें जीती थी। तब मुसलमान वोट सपा और बसपा में बंटा था। हालांकि इस बार ऐसा नहीं लग रहा है और अगर मुसलमान एकमुश्त वोट करेगा तो बीजेपी को कुछ सीटों पर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।