उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में जगह-जगह जाकर किसानों से बात कर रहे भारतीय किसान यूनियन के अध्‍यक्ष राकेश टिकैत ने एक बार फिर बीजेपी पर तंज कसा है। प्रयागराज में राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी यूपी इलेक्‍शन 2022 में जीत सकती है, लेकिन यह तभी संभव है जब यूपी पंचायत चुनावों की तरह गड़बड़ी हो।

बुधवार (23 फरवरी 2022) को प्रयागराज के प्रेस क्‍लब में पत्रकारों से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान बहुत समझदार है, वह अपना भला और बुरा अच्‍छी तरह से जानता है। वह सोच-समझकर ही किसी भी दल को वोट करेगा। किसान उसी को वोट देगा जो उसके हक की बात करेगा। उन्‍होंने कहा कि आज यूपी का किसान परेशान है। उसे अपनी उपज का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य नहीं मिल रहा है। इन सब बातों को ध्‍यान में रखकर किसान मौजूदा सरकार के खिलाफ ही वोट करेगा।

राकेश टिकैत ने गोरखपुर सदर सीट से लड़ रहे सीएम योगी आदित्‍यनाथ को लेकर कहा कि प्रदेश में विपक्ष भी मजबूत होना चाहिए, इसलिए योगी आदित्‍यनाथ का जीतना भी जरूरी है। हम तो किसानों की बातों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और उन्‍हें जागरूक करने के लिए प्रदेश में घूम भी रहे हैं। राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने अभी सिर्फ बिल वापस लिए हैं, लेकिन उनकी मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। कृषि कानून वापस लेने से चुनावी फायदे को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि इससे कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।

राकेश टिकैत ने लखीमपुर हिंसा मामले पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्‍होंने कहा कि सरकार की पैरवी कमजोर रही, इसी वजह से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे को जमानत मिली। राकेश टिकैत ने कहा कि आरोपी आशीष मिश्र के मामले को वह छोड़ने वाले नहीं हैं और इसके विरुद्ध उनकी लड़ाई जारी रहेगी। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि बीजेपी ने किसानों का भरोसा तोड़ा है। सरकार ने जिस वादे पर किसान आंदोलन खत्‍म कराया, वह अब तक पूरा नहीं किया। एमएसपी पर अब तक कानून नहीं बनाया गया है।

राकेश टिकैत ने कहा कि आज सब्‍जी बेचने वाला भी पेटीएम इस्‍तेमाल कर रहा है, लेकिन गन्‍ना किसानों का भुगतान 11 महीने बाद भी नहीं हो रहा है। पूरा देश अब डिजिटल हो रहा है, लेकिन सरकार किसानों को पीछे धकेल रही है। राकेश टिकैत ने खुलकर अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए कहा कि सपा सरकार में योगी सरकार से अच्‍छा काम हुआ।

राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी बार-बार हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेल रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने फसल की कुल लागत पर डेढ़ गुना समर्थन मूल्‍य पर खरीद के लिए समिति गठित करने का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया गया। उन्‍होंने धान की फसल बेचने के लिए किसानों को 200 से 500 रुपये प्रति क्विंटल रिश्‍वत देनी पड़ी तब तक जाकर उन्‍हें चेक मिला है।