कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने चुनाव में फ्री सिलेंडर का वादा करके फिर उसकी कीमतें बढ़ा दी। पार्टी का कहना है कि होली के तोहफे के रूप में भाजपा से जनता को जुमला मिला। कांग्रेस ने सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपए बढ़ाए जाने की आलोचना की। यूपी कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट करके भाजपा सरकार के फैसले पर तंज कसा।

इसको लेकर कई लोगों ने पक्ष और विपक्ष कमेंट भी किए हैं। रोहिनी सिंह @rohini_sgh·नाम की एक यूजर ने लिखा, “चुनाव खत्म होने के 11 दिन बाद पेट्रोल-डीज़ल और गैस आदि के दाम बढ़ाने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया। जनता में एक संदेश गया होगा। 11 दिनों तक दाम बढ़ने का चुनाव से कोई लेना देना नही है, इसके पीछे ‘अंतर्राष्ट्रीय कारण’ हैं। इस बहुप्रतीक्षित फैसले के बाद देश में खुशी की लहर है।”

रणविजय सिंह@ranvijaylive नाम के यूजर ने लिखा, “80 पैसे से शुरू हुआ पेट्रोल डीजल का खेल, बधाई हो” दूसरी तरफ कुछ लोग विरोध करने वालों को गलत बता रहे हैं। संजय हिंदू (भाऊवाला) @SanjayBhauwala· ने कहा, “Bengal में 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया पर कश्मीर फाइल्स से नफरत फैलेगी ऐसा बोलने वाली गैंग चुप है! पूरे दिन मोदी को गरियाने वाले पेट्रोल गैस की कीमतों पर रोनेवाले की हिम्मत नही की ममता के विरुद्ध एक शब्द भी बोल पाए।”

दरअसल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। वहीं घरेलू रसोई गैस के दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस तरह, चुनावी गतिविधियों के कारण पेट्रोल, डीजल की दरों में संशोधन पर साढ़े चार महीने से जारी रोक खत्म हो गई। मूल्यवृद्धि के बाद, दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपये प्रति लीटर होगी, जो पहले 95.41 रुपये थी, जबकि डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 87.47 रुपये हो गई है।

इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में बिना सब्सिडी वाले, 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर 949.50 रुपये कर दी गई है। एलपीजी की दर में अंतिम बार छह अक्टूबर 2021 को संशोधन किया गया था। वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतें चार नवंबर से स्थिर थीं।

एलपीजी की कीमत जुलाई और अक्टूबर 2021 के बीच प्रति सिलेंडर 100 रुपये के करीब बढ़ गई थीं। महामारी के कारण आई मंदी और फिर रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण कच्चे माल की लागत बढ़ती गई इसके बावजूद एलपीजी और वाहन ईंधन दोनों की कीमतें स्थिर थीं। गैर-सब्सिडी वाली रसोई गैस वह है जिसे उपभोक्ता सब्सिडी वाले या बाजार से कम दरों पर 12 सिलेंडरों का अपना कोटा खत्म हो जाने के बाद खरीदते हैं।