उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से कुछ ज्यादा का ही समय रह गया है। इसके मद्देनजर सत्तापक्ष और विपक्ष की पार्टियों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां यूपी की योगी सरकार का समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस मिलकर सामना करेंगी, वहीं एक और चुनौती भी भाजपा की सरकार बचाने में मुश्किल पैदा कर सकती है। यह चुनौती है कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की। दरअसल, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि यूपी चुनाव में वो भाजपा के खिलाफ खुलकर प्रचार करेंगे। अब उन्होंने इस ओर कदम भी बढ़ा दिए हैं।
बताया गया है कि टिकैत ने इसी सिलसिले में शनिवार को यूपी के मेरठ में कृषि कानून के खिलाफ धरने पर बैठे आंदोलनकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के कोने-कोने में घूमकर जनता से अपील करेंगे कि वो इनको (भाजपा) वोट न दे। जिसको चाहे उसको वोट दे, पर भाजपा को न दें। भाकियू प्रवक्ता यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सरकार को किसान सबक सिखाएंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी टिकैत ने यूपी चुनाव में भाजपा विरोधी प्रचार पर कुछ कहा है। एक दिन पहले ही उन्होंने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा था कि ये उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी निपटेंगे ये। जैसे ये जिला पंचायत चुनाव में निपटे हैं, वैसे ही निपटेंगे। अब आमने-सामने की होगी, अब बीच-बचाव कुछ नहीं है। या तो ये किसान और जनता रहेगी या ये सरकार रहेगी।
भाजपा के खिलाफ सशक्त मोर्चा बनाने की तैयारी में पूर्व सहयोगी राजभर: जहां एक तरफ भाजपा को आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में किसान संगठनों से चुनौती मिलेगी, वहीं कुछ छोटे राजनीतिक दल भी एकजुट होकर योगी सरकार के वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में हैं। इन एक गठबंधऩ भाजपा की ही पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) है, जो असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के साथ मिलकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाएगी।
SBSP के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ सशक्त मोर्चा बनाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक मंच पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एक सशक्त मोर्चा बनाने के लिए ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल व उद्धव ठाकरे एक मंच पर आ जाएं।”
राजभर ने ये भी बताया कि इस सिलसिले में उनकी पिछले दिनों ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय राउत व बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महासचिव से बातचीत हुई है। राजभर के मुताबिक, राउत शीघ्र ही लखनऊ आ रहे हैं जहां उनसे इस मामले पर निर्णायक बातचीत होगी। साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी के संजय सिंह से बातचीत जारी रहने की भी बात कही। साथ ही कहा कि अगले हफ्ते अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक में सिंह गठबंधन की बात कर सकते हैं।