उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराणा गांव में 346 परिवार बढ़ते अपराधों के चलते गांव छोड़कर चले गए। कैराणा सांसद हुकुम सिंह ने गांव छोड़ के जाने वाले लोगों की सूची जारी की। उन्होंने कहा कि कैराणा को कश्मीर बनाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि रंगदारी न देने के चलते यहां पर 10 लोगों की हत्या साम्प्रदायिकता के चलते की जा चुकी है। हुकुम सिंह ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाई। इसमें कहा कि लोगों को प्रतिष्ठान छोड़कर जाने को मजबूर किया जा रहा है। इनमें लोहा, सर्राफा और हार्डवेयर बिजनेस से जुड़े हुए थे। 11 कारोबारियों की हत्या रंगदारी न देने के चलते की गई।
Kairana (Shamli, UP): 346 families migrated from Kairana village due to rising crime graph. pic.twitter.com/BAtJENCJLc
— ANI UP (@ANINewsUP) June 10, 2016
उन्होंने पलायन करने वाले लोगों की तुलना कश्मीरी पंडितों से की। हुकुम सिंह ने कहा कि गांव जहानपुरा में पहले 60 हिंदू परिवार थे। अब यहां एक भी हिंदू परिवार नहीं है। पंजीठ से भी कई परिवार पलायन कर चुके हैं। पंजीठ गांव से पलायन रोकने के लिए वह खुद प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। सांसद ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ खुद प्रकरण को लेकर काफी गंभीर हैं और जून के अंत में कैराना आएंगे। इस मामले की आईबी से जांच भी कराई जाएगी।
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वहीं सहारनपुर रेंज के डीआईजी एके राघव ने बताया कि उनके पास अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। उन्होंने कहा, ”हम सांसद की ओर से मुहैया कराए गए प्रत्येक नाम की जांच करेंगे। अभी तक किसी हिंदू परिवार के यहां से जाने की जानकारी नहीं है।” इसी बीच कैराणा में रहने वाले एक जौहरी ने बताया कि ज्वैलर हरी प्रकाश के बेटे आलोक कुमार की हत्या के बाद से पूरा परिवार सहारनपुर शिफ्ट हो गया। इस क्षेत्र में हिंदू जनसंख्या केवल 30 फीसदी रह गई है। एक दशक पहले तक यह 60 फीसदी थी।
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