Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने शुक्रवार (5 अगस्त, 2022) को बड़ा खुलासा किया है। उन्होंंने कहा कि जब शिवसेना के बागी विधायक जून में गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए थे। उस वक्त उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन करने को तैयार थी, लेकिन इस शर्त पर कि शिंदे को दूर रखा जाएगा। केसरकर ने दावा किया कि भाजपा और बागी दोनों विधायकों ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

केसरकर ने मुंबई में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘जब हम गुवाहाटी में थे, मेरी ओर से कुछ नेताओं के माध्यम से बातचीत चल रही थी…उद्धव भाजपा के साथ समझौता करने को तैयार थे, लेकिन शिंदे को दूर रखना चाहते थे, लेकिन न तो भाजपा और न ही विधायक ऐसा करने को तैयार थे।’

केसरकर ने केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे पर भी निशाना साधा। जिन्होंने अपने बेटे नितेश के साथ 2020 में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि झूठे आरोपों के कारण आदित्य को बदनाम किया गया। कई शिवसैनिकों को यह पसंद नहीं आया था।

उन्होंने कहा, “जब फर्जी आरोप लगाए गए तो हम सभी आहत हुए थे। चूंकि राणे आदित्य की छवि खराब कर रहे थे। मेरे जैसे कई लोग जो ठाकरे के परिवार से प्यार करते थे, परेशान थे। इसे रोकने के लिए मैंने इस मामले को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की और किसी के जरिए मैंने मोदी से संपर्क किया। मुझे उनकी तरफ से अच्छा रिस्पॉस मिला। उसके बाद पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे के बीच बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि जुलाई 2021 में विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों के निलंबन और उसी महीने केंद्रीय मंत्री के रूप में राणे की नियुक्ति के कारण ठाकरे और पीएम के बीच पैच अप के लिए बातचीत शुरू हो गई थी।

केसरकर ने यह भी दावा किया कि जून 2021 में पीएम और ठाकरे की मुलाकात के बाद उन्होंने अन्य लोगों के साथ ठाकरे से मुलाकात की थी। केसरकर कहा, “उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने मोदी के साथ रिश्ते बनाए रखने और भाजपा के साथ फिर से सुलह करने के लिए सीएम पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।”

केसरकर ने कहा, ‘उद्धव ने हमें बताया कि उनके लिए मोदी के साथ संबंध बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए, उन्होंने बैठक के बाद 15 दिनों के भीतर सीएम पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि ठाकरे को शिवसेना कार्यकर्ताओं से बात करने के लिए कुछ और समय चाहिए, जबकि भाजपा के साथ बातचीत जारी है। “इस बीच, भाजपा के 12 विधायकों को विधानसभा से (जुलाई 2021 में) निलंबित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो नारायण राणे को मंत्री बनाया गया। उद्धव परेशान थे और इस वजह से दोनों पक्षों के बीच बातचीत बंद हो गई। उन्होंने कहा, “मैं जो कह रहा हूं वह सच है और अगर कुछ भी असत्य पाया गया तो मैं सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगा।

वहीं मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, “हमें इस बारे में सोचना होगा कि हमें उन लोगों पर कितना विश्वास करना चाहिए, जिन्होंने तीन पार्टियां बदलीं और चौथी पार्टी में जाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि वे समय-समय पर भ्रम पैदा करने की कोशिश करते हैं। वहीं उद्धव ठाकरे के गुट के प्रवक्ता मनीष कांयडे ने कहा, ‘केसरकर एक नए प्रवक्ता हैं और अपने आकाओं को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।’