देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस पांच अक्टूबर को दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हुई तो सभी ने इसे रेलवे में एक नई युग की शुरूआत के रूप में देखा। लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट ने इसे सवालो के घेरे में खड़ा कर दिया है, दरअसल पांच अक्टूबर को जब तेजस एक्सप्रेस दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हुई तो उसमें 750 यात्री थे। छह अक्टूबर को यह संख्या घटकर 600 हो गई। सात अक्टूबर को यह संख्या महज 300 करीब रह गई। यह आंकड़े बता रहे हैं कि तेजस को पर्याप्त मात्रा में यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। लगभग 25 से 30 प्रतिशत सीटों पर यात्री तेजस को नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि तेजस को डायनामिक फेयर सिस्टम के साथ चलाया जा रहा है।

लोगों के लिए महंगा है तेजस की यात्रा: यात्रियों की कम संख्या पर लोगों का कहना है कि लखनऊ और दिल्ली का हवाई जहाज किराया भी लगभग तेजस के किराये के आस- पास ही होता है। जबकि इसी रुट पर चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस सहित अन्य सभी सुपरफास्ट ट्रेनों का किराया तेजस से कम है। तेजस को चलाने वाली कंपनी आईआरटीएस का कहना है कि तेजस के यात्रियों की संख्या का आकलन महज पांच दिनों में नहीं किया जा सकता है। उसने आगे बताया कि पहले दिन जब इसकी शुरूआत हुई तो महज आठ सीटे खाली थी और नौ अक्टूबर को रवाना हुई ट्रेन में सभी सीटें फुल थी।

National Hindi News, 11 October 2019 Top Headlines Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

क्या है ट्रेन की खासियतें: ट्रेन में विमान की तरह व्यक्तिगत एलसीडी एंटरटेनमेंट-कम-इंफोर्मेशन स्क्रीन, ऑन बोर्ड वाई-फाई सेवा, आरामदायक सीटें, मोबाइल चार्जिंग, व्यक्तिगत रीडिंग लाइट्स, मोड्यूलर बायो-टॉयलेट और सेंसर टेप फिटिंग की सुविधाएं होंगी। लखनऊ-दिल्ली मार्ग पर फिलहाल स्वर्ण शताब्दी समेत 53 ट्रेनें संचालित होती हैं।

जल्द ही अहमदाबाद से मुंबई चलेगी तेेजस: लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के बाद जल्द ही अहमदाबाद से मुंबई के लिए चलने वाली तेजस एक्सप्रेस शुरू की जा सकती है। तेजस एक्सप्रेस में कुल 758 यात्री सफर कर सकेंगे। इस ट्रेन में एक एक्‍जीक्‍यूटिव वातानुकूलित चेयर कार होंगी, जिसमें 56 सीटें होंगी और 9 वातानुकूलित चेयर कार होंगी, जिनमें प्रत्येक में 78 सीटें होंगी।