भाजपा नीत एनडीए में सहयोगी दल AIADMK ने भगवा दल को सख्त संदेश दिया है। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी ने सोमवार को कहा कि उसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में ऐसे सहयोगी की जरुरत नहीं है अगर वो तानाशाही करने जा रही है। पार्टी ने कहा कि ऐसी स्थिति में वो गठबंधन की दूसरी पारी में शामिल नहीं होंगे। पार्टी ने रविवार को फिर दोहाराया कि अगले विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी AIADMK का चेहरा होंगे। पार्टी का बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने पलानीस्वामी के बतौर सीएम उम्मीदवार होने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सांसद और तमिलनाडु चुनाव में डिप्टी कोऑर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने रविवार को कहा कि चुनाव में AIADMK गठबंधन का नेतृत्व करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया, ‘अगर कोई राष्ट्रीय पार्टी तानाशाही चलानी चाहती है तो उनका गठबंधन में हिस्सा ना बनने के लिए स्वागत है।’ तमिलनाडु में 2021 के अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। बता दें कि तमिलनाडु से भाजपा का कोई विधायक या सांसद नहीं है। इधर पिछले नौ सालों से सत्ता में रहने के चलते सत्तारूढ़ AIADMK को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा है। पिछले साल पार्टी ने लोकसभा चुनाव भाजपा संग गठबंधन में लड़ा।
पार्टी ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि सहयोगी भाजपा को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने पर भगवा दल को सरकार में शामिल नहीं किया जा सकता। पार्टी ने कहा कि भाजपा तमिलनाडु की द्रविड़ भूमि में कोई पहचान नहीं बना सकती। पार्टी ने अपनी पहली चुनावी रैली में संकेत दिया कि भाजपा को चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए के पलानीस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन करने और सरकार में उसकी (भाजपा) गैर-भागीदारी जैसी शर्तों को मानना चाहिए और यदि नहीं तो वह 2021 के अपने चुनावी विकल्पों पर दोबारा विचार कर ले।
केपी मुनुसामी ने आगे कहा कि कुछ राष्ट्रीय दल, ‘अवसरवादी, विश्वासघाती और भीड़’ द्रविड़ संगठनों पर दोषारोपण कर रही है कि उन्होंने राज्य के 50 साल के शासन में तमिलनाडु को बर्बाद कर दिया। मुनुसामी ने हैरानी जताई कि अन्नाद्रमुक सरकार के खिलाफ अक्षमता का आरोप कैसे लगाया जा सकता है और वह भी तब जब केंद्र ने तमिलनाडु को कई क्षेत्रों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए इतने पुरस्कार दिए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य में समग्र अवसंरचना और सुविधाएं हैं, चाहे वह शिक्षा हो या स्वास्थ्य सुविधाएं हों। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ हासिल करने वाली ऐसी सभी ताकतों को समझना चाहिए कि तमिलनाडु उन्हें समर्थन नहीं देगा क्योंकि द्रविड़ विचारधारा राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र का आधार है। (एजेंसी इनपुट)

