लॉकडाउन के मद्देनजर जहां एक तरफ प्रवासी मजदूरों को बसों से लाने-ले जाने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बीच ठनी हुई है, वहीं सोशल मीडिया पर लोग इस विवाद पर मजे ले रहे हैं। दरअसल, प्रियंका गांधी ने यूपी के प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए 1000 बसों के इंतजाम की बात कही थी। इस पर यूपी सरकार ने उनसे बसों की लिस्ट मांगी और बाद में यह कह कर उनका मजाक बनाया कि कांग्रेस की लिस्ट में कुछ दोपहिया और तीन-पहिया वाहन भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांग्रेस नेताओं की ओर से लिस्ट सौंपे जाने के कुछ ही देर के अंदर सभी वाहनों का उनके नंबर से मिलान कर लिया था। अब इस पर सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार पर तंज कसा है। पुनीत कुमार सिंह नाम के एक व्यक्ति ने ट्विटर पर लिखा, “1000 बसों के नम्बर 2 मिनट में चेक हो गए, पुलवामा में 350 किलो RDX लाने वाली 1 गाड़ी का नम्बर डेढ़ साल में नहीं चेक कर पाए।”
सरकार जितनी बारीकी से प्रियंका गाँधी की बसों को चेक कर रही है, अगर इतनी तत्परता हवाई अड्डों पर कोरोना जाँच में दिखाती तो आज ये दिन ना देखने पड़ते ।
— prince bhalla (@mr_nice_boy2011) May 19, 2020
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Roflthackeray नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “जिन अंधभक्तों ने अपनी मां का दूध पिया है, बस एक बार मजदूरों के सामने हर हर मोदी, घर घर मोदी बोल के दिखाएं।” वहीं, प्रिंस भल्ला नाम के यूजर ने कहा, “सरकार जितनी बारीकी से प्रियंका गांधी की बसों को चेक कर रही है, अगर इतनी तत्परता हवाई अड्डों पर कोरोना जांच में दिखाती तो आज ये दिन ना देखने पड़ते।”
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@taslimaSayyed ने ट्विटर पर लिखा, “जो लोग जामिया के पास गोली मार के जाता है और उसका नंबर तक पता नहीं कर सकते और यह नंबर कहां से ला रहे हैं।” वहीं, ‘व्यंग्यकार ysk’ ट्विटर हैंडल ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “कोरोना की जांच में कोताही, मजदूरों के पलायन में कोताही, लॉकडॉउन लागू करने में कमी, एयरपोर्ट पर जांच मे कमी। फिर भी मीडिया सवाल विपक्ष से करती है? आरोप विपक्ष के नेताओ पर लगाते है। अगर यही निष्पक्ष पत्रकारिता है तो मुझे गर्व है खुद पर कि मैने देशहित में न्यूज़ चैनल देखने बंद कर दिए।
गौरतलब है कि यूपी सरकार की ओर से कांग्रेस की बसों के इस्तेमाल न करने पर प्रियंका गांधी ने भी गुस्सा जताया था। उन्होंने कहा था, “उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जांच में सही पाई गईं। ऊंचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुंच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए। हम आपको कल 200 बसें की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक आप इस सूची की भी जांच कीजिएगा। लोग बहुत कष्ट में हैं। दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।”