महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी सरकार बनाने को लेकर तनातनी जारी है। बीजेपी और शिवसेना एक दूसरे पर झूठ बोलने का आरोप लगा रही है। राज्य में एक विचारधारा की दोनों पार्टियों का गठबंधन 31 साल पुराना है लेकिन आज भी वर्चस्व को लेकर आपस में तलवारें खिंचती नजर आती हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने ‘सामना’ के संपादकीय में अमित शाह की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
‘व्यर्थ चर्चा का दरवाजा बंद’: सामना के संपादक संजय राउत ने ‘संडे सामना’ में अहंकार के कीचड़ में रथचक्र! एक सरकार बनेगी क्या? शीर्षक से लेख लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा कि शिवसेना सरकार बनाने की कोई जल्दबाजी नहीं दिखाने वाली है और न ही घुटने टेकने वाली है। उन्होंने कहा, शिवसेना प्रमुख ने अपने नीति में बदलाव करते हुए उन्होंने व्यर्थ चर्चा का दरवाजा बंद कर दिया है।
Hindi News Today, 03 November 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की तमाम अहम खबरों के लिए क्लिक करें
सीएम पद के लिए झूठ बोला जा रहा: संजय राउत ने अपने लेख में कलयुग को झूठा बताते हुए लिखा है, ‘जिस हिंदुस्तान की धरती पर सपने में दिए गए वचन के लिए राजा हरिश्चंद्र ने राजपाट छोड़ दिया। पिता द्वारा सौतेली मां को दिए गए वचन के कारण श्री राम ने राज छोड़कर वनवास स्वीकार कर लिया। उसी हिंदुस्तान में दिए गए वचन से विमुख होने का काम भाजपा ने पूरा कर दिया है। यह सब एक मुख्यमंत्री के पद के लिए हो रहा है। इससे राज्य में सरकार बनाने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है।’
‘अमित शाह चुप क्यों?’: राउत ने आगे लिखा है, ‘मैं ही दोबारा मुख्यमंत्री बनूंगा, ऐसा देवेंद्र फडणवीस कहते हैं। देवेंद्र दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा, फिर भी रथ के पहिए फंस गए हैं और बीजेपी के संकटमोचक कृष्ण अमित शाह रथ के उद्धार के लिए अब तक आगे नहीं आए हैं, यह रहस्य है।’
उद्धव ठाकरे बोले- बिना बहुमत बना लो सरकार: उन्होंने लिखा, ‘पदों का समान बंटवारा होगा ऐसा रिकॉर्ड पर होने के बावजूद बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस पलटी मारते हैं और पुलिस, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग की मदद से सरकार बनाने के लिए हाथ की सफाई दिखा रहे हैं।’ उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा, ‘जो पार्टी इंदिरा गांधी द्वारा लगाएं गए आपातकाल वाले दिन को काला दिवस के रुप में मनाती हो, उसे लोकतंत्र में ऐसा उदाहरण पेश नहीं करना चाहिए। 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आने के बाद ही देवेंद्र फडणवीस को बड़े अभिमान से ‘मातोश्री’ जाकर पहले चर्चा शुरू करनी चाहिए थी। लेकिन उन्हें लगा कि 105 कमलों के बाद उनसे कमलपट्टा कौन छीनेगा? शिवसेना ने कहा कि बीजेपी को उद्धव ठाकरे ने सीधा संदेश दिया है कि बगैर बहुमत की सरकार बना लो और बन जाओ मुख्यमंत्री। देवेंद्र फडणवीस के लिए पार्टी में कोई विरोधी अथवा मुख्यमंत्री पद का दावेदार शेष नहीं है। यह एक अजीबोगरीब संयोग है।’
बता दें कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें मिली थीं, जबकि 288 सदस्यीय सदन में शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है।

