महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने से लोगों का आक्रोश सातवें आसमान पर पहुंच गया है। इस मामले में ठेकेदार और आर्टिसरी कंपनी के मालिक जयदीप आपटे के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। जांच का आधार यह है कि प्रतिमा आखिर 8 महीने के अंदर में कैसे ढह गई, कहीं खराब गुणवक्ता वाले सामान का इस्तेमाल तो नहीं हुआ, कहीं किसी अधिकारी की लापरवाही तो नहीं रही?

शिवाजी मूर्ति: पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन

जानकारी के लिए बता दें कि 8 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही सिंधुदुर्ग में 35 फीट ऊंची शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन किया था। बड़ी बात यह थी कि नौसेना दिवस के मौके पर उन्होंने इस प्रतिमा को देश को समर्पित किया। समय से पहले छत्रपति शिवाजी ने जिस तरह से देश की नौसेना की नींव रखी थी, उसी बात को ध्यान में रखते हुए उस प्रतिमा को सिंधुदुर्ग में स्थापित किया गया। लेकिन अब उसी मूर्ति के ढह जाने से बवाल मच गया है।

कैसे क्षतिग्रस्त हुई छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति?

नौसेना चिंतित, विशेषज्ञों की टीम रेडी

वैसे इस मूर्ति के ढह जाने से नौसेना भी चिंतित है और उसकी तरफ से राज्य सरकार से बात कर विशेषज्ञों की एक टीम भेजी गई है। समय रहते फिर उस मूर्ति का निर्माण हो सके, कारण का पता चले, इस बात पर जोर दिया जा रहा है। इससे पहले भी सरकार के ही कई अहम प्रोजेक्ट्स के साथ ऐसा हो चुका है, इसी वजह से अधिकारी और निर्माण करने वाले ठेकेदार सवालों में रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में PWD ने 20 अगस्त को ही बता दिया था कि मूर्ति में जंग लगी है, नट ढीले हो गए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी कोई एक्शन नहीं हुआ और अब यह बड़ा हादसा हो चुका है।

लोगों में जबरदस्त गुस्सा

इस शिवाजी मूर्ति को बनाने में तो 3600 करोड़ का खर्च आया था। 2018 में इसे बनाने की तैयारी शुरू की गई थी, इसे पर्यटन के लिहाज से भी काफी अहम बताया गया। लेकिन अब यह मूर्ति ही ढह चुकी है, घटनास्थल से जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें प्रतिमा के कई टुकड़े जमीन पर पड़े हैं। उस हालात को देख ही लोग आक्रोशित हैं और इसे बड़े अपमान के रूप में देख रहे हैं।