एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने गुरुवार (18 फरवरी) को कहा कि ‘‘अराजकता और पुलिस की निष्क्रियता से’’ संस्थाओं और शासन की व्यवस्थाओं को बदनाम होने दिया जा रहा है । सिन्हा ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर देशद्रोह के आरोप लगाए जाने से भी असहमति जाहिर की। कई बार अपनी पार्टी से अलग राय जाहिर कर चुके सिन्हा ने बुधवार को कन्हैया का समर्थन करते हुए उनकी रिहाई की मांग की थी।
पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से सांसद सिन्हा ने कहा कि अदालत परिसर में कुछ वकीलों की ओर से किए गए हमले के दौरान पुलिस के तमाशबीन बने रहने से ‘‘बहुत खराब छवि’’ बनी, जिसे टाला जा सकता था। सिन्हा ने कहा, ‘‘मुझे भारतीय होने पर गर्व है। मैं अपनी मातृभूमि से प्रेम करता हूं और उसका काफी सम्मान करता हूं। मुझे अपने संविधान में अगाध विश्वास है और अपने उत्साही, सक्रिय, एक्शन हीरो प्रधानमंत्री के लिए मेरे मन में काफी सम्मान है।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं हर किसी को आश्वस्त करता हूं कि भाजपा मेरी पहली और आखिरी पार्टी है। बहरहाल, मैं इस बात से दुखी हूं कि संस्थाओं और शासन की व्यवस्थाओं को अराजकता और पुलिस की निष्क्रियता से बदनाम होने दिया जा रहा है।’’
जेएनयू विवाद के तूल पकड़ने के बाद सिन्हा ने यह भी कहा कि कैंपस में संभवत: अति-उत्साहजनक सक्रियता के लिए छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाना एक बहुत ही निष्प्रभावी विश्वविद्यालय प्रशासन और अति-उत्साही पुलिस कार्रवाई को दिखाता है। सिन्हा ने बुधवार (17 फरवरी) को ट्विटर पर लिखा था, ‘‘जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष और हमारे बिहार के लड़के कन्हैया के भाषण के लिखित रूप को सुना है । उन्होंने देश के खिलाफ या संविधान के खिलाफ कोई बात नहीं कही है ।’’