शरद पवार के मंगलवार (2 मई) को NCP प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है। इस बीच पवार के इस्तीफे को लेकर उद्धव गुट के मुखपत्र ‘सामना’ में एक लेख छपा है जिसमें कई बड़े दावे किए गए हैं। सामना में कहा गया है कि एनसीपी अध्यक्ष ने अचानक नहीं बल्कि पूरी तैयारी के साथ इस्तीफा दिया है।
शरद पवार ने आनन-फानन में नहीं दिया इस्तीफा
उद्धव गुट वाली शिवसेना के मुखपत्र सामना छपे संपादकीय में कहा गया है, “शरद पवार ने एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से आनन-फानन में इस्तीफा दे दिया। पवार के करीबियों का कहना है कि असल में साहब तो 1 मई को यानी महाराष्ट्र दिवस को ही रिटायर होने की घोषणा करनेवाले थे लेकिन मुंबई में महाविकास आघाड़ी की वज्रमूठ सभा होने के कारण उन्होंने 2 मई को घोषणा की।”
पवार ने अपना भाषण लिखकर लाया था- सामना
सामना में आगे लिखा है, “हम इस राय से सहमत नहीं हैं। पवार ने अपना भाषण लिखकर लाया था। मतलब उनका भावनात्मक आह्वान और इस्तीफे का मसौदा उन्होंने ध्यानपूर्वक तैयार करके लाया था और उसके तहत ही उन्होंने सब कुछ किया। शरद पवार ने अपनी उम्र का 80 वर्ष कब का पार कर ली है और फिर भी पवार सक्रिय राजनीति में सक्रिय हैं। पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उनके नाम से खड़ी है और चल रही है। पवार के इस्तीफे के बाद सभागृह में उपस्थित लोग भावनात्मक हो गए।”
NCP का एक गुट BJP की दहलीज पर
लेख में आगे कहा गया है, “पवार द्वारा सेवानिवृत्ति की घोषणा करते ही कई प्रमुख नेताओं के आंसू छलक पड़े, रोने-धोने लगे। पवार के चरणों पर नतमस्तक हो गए। ‘आपके बिना हम कौन? कैसे?’ ऐसा विलाप किया। लेकिन इनमें से कइयों के एक पैर भाजपा में हैं और पार्टी को इस तरह से टूटते देखने की बजाय सम्मान से सेवानिवृत्ति ले ली जाए, ऐसा सेक्युलर विचार पवार के मन में आया होगा तो उसमें गलत नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक गुट भारतीय जनता पार्टी की दहलीज पर पहुंच गया है और राज्य की राजनीति में कभी भी कोई भूकंप आ सकता है, ऐसे माहौल में पवार ने इस्तीफा देकर हलचल मचा दी।”
सामना में अजित पवार पर साधा निशाना
उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ में शरद पवार के भतीजे अजित पवार पर भी निशाना साधा गया है। सामना में ‘शरद पवार क्या करेंगे?’ शीर्षक के संपादकीय में कहा गया है कि शरद पवार के इस्तीफा देते ही उनको मनाने की कोशिश शुरू हो गई। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। पवार इस्तीफा वापस लें ऐसी मांग नेता कर रहे हैं लेकिन अजित पवार ने अलग भूमिका अपनाई। अजित पवार कह रहे हैं, “पवार साहेब ने इस्तीफा दिया। वे वापस नहीं लेंगे। उनकी सहमति से दूसरा अध्यक्ष चुनेंगे।” यह दूसरा अध्यक्ष कौन? पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पवार की पार्टी महाराष्ट्र केंद्रित है।
लेख में लिखा गया है कि अजित पवार की राजनीति का अंतिम उद्देश्य महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना है। सुप्रिया सुले दिल्ली में रहती हैं। उनकी वहां की स्थिति अच्छी है। संसद में वह बेहतरीन काम करती हैं।