कांग्रेस पार्टी को छोड़कर अलग पार्टी बनाने जा रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि उन पर यह आरोप लगाना कि वे मोदी जी के करीबी हैं, सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि सपने देखना और दिखाना सबके लिए संभव है, लेकिन उसको हकीकत में बदलना आसान नहीं है। कहा कि धारा 370 को लेकर उनका विरोध अब भी है, पर सबको पता है कि इसे फिर से लागू करने के लिए आपके पास संसद में जो बहुमत चाहिए, उसे ला पाना बेहद कठिन है।

एबीपी न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने राज्य सभा से अपनी विदाई के वक्त पीएम मोदी के रोने की घटना पर कहा, “जब गुजरात की घटना हुई तो मैं घटनास्थल पर गया था। उस वक्त मोदी जी भी सीएम थे और मैं भी सीएम था। जब वे फोन कर रहे थे तो मैं जोर-जोर से रो रहा था। बस के पास देखा तो लाशों के टुकड़े पड़े थे। बच्चे रो रहे थे, कोई भी इंसान रो देता। मैंने रोते-रोते फोन दूसरे को थमा दिया, बात नहीं कर पाया।”

उन्होंने कहा, “उस समय मैं लाशों को देखकर रो रहा था, मोदी साहब को याद नहीं कर रहा था। मैंने कहा कि जो लोग बचे हैं, उनको अस्पताल ले जाऊंगा। तब थोड़ी बातें हुई थीं। फिर मैं उस जहाज में गया जिसमें वे पैंसेजर थे जो जख्मी थे। औरतें और बच्चे मेरे लिपट गए। कोई बोला कि मेरा पापा लौटा दो तो किसी ने कहा कि मेरी मम्मी लौटा दो। इस पर मैं फिर रोया। उस वक्त फिर मोदी साहब का फोन आया। मैंने रोते-रोते उनसे बात की। वे बोले- संभालों, अपनेआप को संभालो। लिहाजा राज्यसभा में मेरी विदाई के वक्त उनको वह दृश्य याद आ गया।”

आजाद ने कहा, “मैंने हमेशा पीएम से आंख से आंख मिलाकर बातें की”

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह आरोप कि मैंने तारीफ की है, उसके लिए केवल यूट्यूब खोलकर देख लिया जाए। वे बोले, “सात साल में मेरी लीडर एज अपोजिशन देखिए और 70 साल का रिकॉर्ड देखिए। किसी भी लीडर ऑफ अपोजिशन को देख लीजिए। प्रधानमंत्री से आमने-सामने आंख से आंख मिलाकर 100 से ज्यादा तकरीरें की हैं। उनकी पॉलिसीज की धज्जियां उड़ाई है। उसके मुकाबले आप सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सारे लीडर को देख लीजिए पांच मिनट से ज्यादा किसी ने नहीं बोला है। और उसके बाद भी गले मिले।”

इस सवाल पर कि उनके घर में सोनिया गांधी की तस्वीर लगी है, लेकिन राहुल गांधी की नहीं, उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी की कई तस्वीरें मेरे परिवार के साथ हैं और उस खानदान से पुराना रिश्ता रहा है। राहुल गांधी मुझसे उम्र में बहुत छोटे हैं। मैं उनकी दादी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहा हूं।” कहा कि मेरे दिल्ली वाले आवास पर छह फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा राजीव गांधी की तस्वीर लगी हुई है। राजीव गांधी और राहुल गांधी में जमीन और आसमान का अंतर है।