कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर का बुधवार (5 अगस्त, 2020) सुबह पुणे में निधन हो गया।मराठावाड़ा क्षेत्र के लातुर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता निलांगेकर जून 1985 से मार्च 1986 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वो 88 वर्ष के थे। उन्होंने अपनी बेटी और उसकी दोस्त ‘की मदद के लिए’ 1985 में एमडी परीक्षा के नतीजों में कथित छेड़छाड़ के आरोप लगने के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने साल 1968 में महाराष्ट्र एजुकेशन ट्रस्ट की स्थापना की थी। एजुकेशन सोसायटी के तहत उन्होंने चार कॉलेजों, 12 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और 15 प्राथमिक स्कूलों की स्थापना भी की थी। महाराष्ट्र फार्मेसी कॉलेज, निलंगा को 1984 में स्थापित किया गया था। शिवाजीराव पाटिल का जन्म निलंगा में ही हुआ था।

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निलंगेकर को पिछले महीने कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद पुणे के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व सीएम को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। जिसके बाद उनका कोरोना टेस्ट कराया और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पूर्व सीएम के परिवार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उनका निधन किडनी संबंधी बीमारी के चलते हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निलंगेकर का अंतिम संस्कार आज निलंगा में किया जाएगा।

पूर्व सीएम के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया और कहा कि उन्होंने कर्मठता के साथ प्रदेश की सेवा की। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘श्री शिवाजीराव पाटिल निलांगेकर जी महाराष्ट्र की राजनीति के पुरोधा थे। उन्होंने कर्मठता से राज्य की सेवा की। किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए उन्होंने विशेष तौर पर काम किया।’ उन्होंने कहा, ‘उनके निधन से मैं दुखी हूं। उनके परिजनों और समर्थकों प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।’

बता दें कि कांग्रेस नेता को जब कोरोना वायरस की पुष्टि हुई तब वह लातूर जिले के निलंगा टाउन से पुणे शिफ्ट हो गए थे। वो लातूर के एक मिलनसार और ताकतवर नेता थे। उनका पोते संभाजी पाटिल निलंगेकर भाजपा विधायक हैं और पूर्व की देवेंद्र फडणवीस सरकार में श्रम मंत्री थे।