Savarkar Row: हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर (VD Savarkar) को लेकर छिड़ी जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब इस मामले पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने शुक्रवार(18 नवंबर, 2022) को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा वीर सावरकर (VD Savarkar) पर की गई टिप्पणियों को लेकर निशाना साधा है। इसको लेकर फडणवीस ट्विटर पर एक लंबा पोस्ट लिखा है।
देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) द्वारा लिखा गया 1980 का एक पत्र पोस्ट किया और कहा, “भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी (आपकी दादी) ने सावरकर जी के बारे में जो कहा था, उसे पढ़िए। यहां उन्होंने वीर सावरकर जी को देश का स्तंभ बताया। उन्होंने सावरकर को स्वतंत्रता आंदोलन और भारत का सपूत कहा है।
फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने महात्मा गांधी द्वारा लिखे गए एक पत्र को साझा किया और राहुल गांधी को पत्र की अंतिम पंक्तियों को पढ़ने के लिए कहा। फडणवीस ने ट्वीट किया कि राहुल जी, कल आपने मुझे एक पत्र की अंतिम पंक्तियां पढ़ने के लिए कहा था। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि अब मैं आज आपको कुछ दस्तावेज़ पढ़कर सुनाता हूं। क्या आपने आदरणीय महात्मा गांधी का यह पत्र पढ़ा है? क्या इसमें वही अंतिम पंक्तियाँ हैं जो आप चाहते थे कि मैं पढ़ूँ। राहुल गांधी पर हमलावर होते हुए देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता शरद पवार, पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव और महाराष्ट्र के अन्य कांग्रेस नेताओं के बयानों को साझा किया।
बता दें, महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने गुरुवार को वीर सावरकर लेकर टिप्पणी की थी। राहुल गांधी ने कहा था कि मेरे पास एक दस्तावेज़ है, जिसमें सावरकर का अंग्रेजों को लिखा पत्र शामिल है, जिसमें उन्होंने कहा है, ‘मैं आपके सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की भीख मांगता हूं और उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए। राहुल ने कहा कि यह मेरे द्वारा नहीं, बल्कि सावरकर जी द्वारा लिखा गया है। राहुल गांधी ने कहा, “मेरा स्पष्ट मत है कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी।”
राहुल गांधी ने आगे कहा था कि जब सावरकर जी ने इस कागज पर हस्ताक्षर किया तो उसका कारण डर था, अगर वो डरते नहीं तो वो कभी हस्ताक्षर नहीं करते। जब उन्होंने हस्ताक्षर किया, तब उन्होंने महात्मा गांधी, सरदार पटेल आदि नेताओं को धोखा दिया। राहुल गांधी ने बिरसा मुंडा के संदर्भ में सावरकर का जिक्र किया था और कहा था कि सावरकर और बिरसा मुंडा के बीच का यही अंतर है कि बिरसा मुंडा 24 साल की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते शहीद हो गए, जबकि सावरकर ने अंग्रेजों से पेंशन ली।