Gujarat Assembly Election: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर की मौजूदगी को लेकर केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला (Parshottam Rupala) ने शनिवार को कांग्रेस (Congress) पार्टी पर तीखा हमला बोला। वड़ोदरा जिले की पडरा सीट पर आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अभियान में रूपाला ने मतदाताओं से नर्मदा बांध परियोजना को रोकने के लिए विदेशी एजेंसियों के हाथों काम करने वालों को सजा देने का भी आग्रह किया।
भाजपा के उम्मीदवार चैतन्यसिंह जाला के लिए प्रचार करते हुए अपने संबोधन में गुजरात के विधायक ने भारत में ‘विदेशी बीज’ लाने के लिए कांग्रेस पर भी हमला किया। इस दौरान जैसे ही भीड़ ने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया, पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, “जब हम प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ते थे तो हमारे शिक्षक हमसे विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा गाने को कहते थे। तब हम गाते थे लेकिन कभी नहीं समझ पाते थे कि इसका वास्तव में क्या मतलब है। लेकिन आज यूक्रेन में जब हमने छात्रों को देखा तो समझ आया कि झंडा ऊंचा कहने का मतलब क्या होता है। क्या यह विश्व स्तर पर भारत का बढ़ता कद नहीं है? मुझे और क्या कहने की जरूरत है।”
कांग्रेस ने क्या काम किया: शनिवार को अपने सार्वजनिक संबोधन में रूपाला ने कहा, “पार्टी के लिए प्रचार करते समय मैंने एक पोस्टर देखा जिसमें लिखा है कांग्रेस नू काम बोले छे (कांग्रेस का काम बोलता है)। मैं अवाक रह गया, वे दशकों तक सरकार में भी नहीं रहे, उन्होंने क्या काम किया है? तब मैंने महसूस किया कि यह उनकी करनी है कि वे इन विदेशी पेड़ों को भारत में लाए हैं। वे विदेशी पेड़ लेकर आए हैं और अब हमें उन्हें उखाड़ फेंकना है, क्योंकि यह रुकावट बन गई है।”
भाजपा नेता ने कहा कि वोट मांगने के लिए बाहर जाने से पहले कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उसने नर्मदा बांध परियोजना को 10 साल तक क्यों रोके रखा।”
गुजरात के विकास का विरोध करने वालों को मिले सजा: मतदाताओं से गुजरात के विकास का विरोध करने वालों को सजा देने का आग्रह करते हुए रूपाला ने कहा, “कल्पना कीजिए कि नर्मदा बांध के बिना गुजरात की क्या स्थिति होगी? इस उपाय के जरिए हम जल संकट को हल करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उसे रोकने का भी प्रयास किया। ये वो लोग हैं जिन्होंने नर्मदा के यज्ञ में अस्थियां फेंकी थीं। क्या हमें उन लोगों को दंडित नहीं करना चाहिए जो इन ताकतों का समर्थन कर रहे हैं?