बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामचरितमानस संबंधित मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि धर्म के मामले में हस्तक्षेप उचित नहीं है। किसी भी धर्म पर विवाद नहीं करना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों का मानना है कि सभी को इज्जत मिलनी चाहिए। हमने पहले ही समझा दिया है। अभी डिप्टी सीएम ने भी कह दिया।
विवाद को ‘मूर्खतापूर्ण’ बताते हुए नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है। बिहार के अरवाल जिले में सद्भावना यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हम सभी धर्मों का आदर करते हैं और सभी को किसी भी धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देते हैं।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हम किसी के धार्मिक विश्वास में दखल नहीं देते। सभी को एक दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं उससे पहले ही बात कर चुका था। (चंद्रशेखर). यहां तक कि उपमुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया है कि हम सभी धर्मों का सम्मान करने में विश्वास रखते हैं।”
बिहार के उपमुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव (Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) ने 15 जनवरी को ‘रामचरितमानस’ मानस पर चंद्रशेखर के विवादित बयान के बाद उपजे विवाद के लिए भाजपा की “साजिश” को जिम्मेदार ठहराया था।
क्या बोले थे चंद्रशेखर
राजद के नेता और बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कह दिया था। उन्होंने पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि रामचरितमानस पिछड़ों, महिलाओं और दलितों की शिक्षा प्राप्त करने से और उन्हें बराबरी का हक देने से रोकती है। उनके इसी बयान को लेकर भाजपा हमलावर है। जदयू के कई नेता भी उनसे सार्वजनिक तौर पर मांफी की मांग कर चुके हैं लेकिन वो पीछे हटने को तैयार नहीं है। अब एकबार फिर से राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी।