प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (31 मई) को राजस्थान के अजमेर जिले के दौरे पर थे। इस दौरान पीएम मोदी ने कायड़ विश्राम स्थली में जनसभा को संबोधित करने के साथ ही अजमेर के पास पुष्कर में प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर में पूजा अर्चना भी की। यह केंद्र में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी के अभियान का पहला बड़ा कार्यक्रम था।
पीएम मोदी के बगल में बैठी थीं वसुंधरा राजे
पीएम मोदी की राजस्थान यात्रा भाजपा के लिए एक संदेश भी थी कि पार्टी की दिग्गज नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी तवज्जो दी जानी चाहिए। राजे प्रधानमंत्री के बगल में बैठी थीं। दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया और बीच-बीच में एक दूसरे से बातचीत भी की। अजमेर की रैली में जब पीएम मोदी मंच पर पहुंचे तब वसुंधरा राजे सिंधिया उन्हें सामने दिख गईं। वसुंधरा राजे को देखते ही पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन स्वीकर किया। वहीं वसुंधरा ने भी मुस्कुराकर पीएम मोदी को राजस्थान आगमन पर शुक्रिया कहा।
प्रधानमंत्री मोदी के राजस्थान दौरे से पहले भाजपा नेता राजे ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए एक दिन पहले ही रैली स्थल का दौरा करने का फैसला किया था ताकि वह खुद व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर सकें। जाहिर है, वह अपने आलोचकों द्वारा आगे बढ़ाई गई इस धारणा को दूर करना चाहती थीं कि वह पीएम मोदी को अपना नेता नहीं मानती हैं।
राजस्थान में BJP के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर सकती हैं वसुंधरा राजे
विश्लेषकों का कहना है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी आलाकमान ने नए नेतृत्व पर बहुत अधिक निर्भर रहने की अपनी रणनीति बदल सकता है और राजे को राजस्थान इकाई और केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए भी कह सकते हैं। 70 वर्षीय वसुंधरा राजे राजस्थान की एकमात्र ऐसी महिला नेता हैं जिनके बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं। मोदी खुद वो चेहरा हैं जो वोट लाने में सक्षम हैं।
क्या दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे एक बार फिर राजस्थान में भाजपा के अभियान का चेहरा हो सकती हैं? मतदाताओं पर उनका दबदबा कायम है। जैसे ही राजे ने पीएम मोदी से कुछ मिनट पहले मंच संभाला, सभा ने उनके लिए नारे लगाए। इतना ही नहीं राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र सिंह राठौर और उनके कई वफादार-प्रतिद्वंद्वी को खड़ा होना पड़ा और मोदी के समर्थन में नारे लगाए गए।
राजस्थान चुनाव से पहले भाजपा बादल सकती है रणनीति
हालांकि, विधानसभा चुनाव की रणनीति पर काम करने के लिए अभी तक वसुंधरा राजे को जगह नहीं दी गई है। इसलिए जब तक मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उनके साथ आमने-सामने बैठक नहीं करते और उन्हें सौंपी गई भूमिका को सार्वजनिक नहीं करते, तब तक राजे को वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली भाजपा में अपना महत्व जताने के लिए अपनी रणनीति बनानी होगी।
पीएम मोदी का बीते 8 महीनों में यह छठवां राजस्थान दौरा रहा। अक्टूबर-नवंबर 2023 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं और फिलहाल राज्य में बीजेपी सत्ता में वापसी चाहती है। वहीं इसके तुरंत बाद अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं।