राजस्थान में कांग्रेस अब दलित और मुसलिम तबके को अपने साथ लाने की कवायद में जुट गई है। इसी कड़ी में पार्टी 13 अप्रैल को यहां बड़े स्तर का प्रदेश स्तरीय दलित सम्मेलन कर रही है। कांग्रेस ने दलितों के अलावा अब मुसलिम और आदिवासी वर्ग को भी अपने साथ जोडने की तैयारी की है। पार्टी अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कमजोर वर्ग को अपने पक्ष में एकजुट करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट इन दिनों संगठन को मजबूत करने और छिटके हुए वोट बैंक को फिर से पार्टी के साथ लाने की कसरत कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस ने अंबेडकर दिवस से पूर्व ही 13 अप्रैल को जयपुर के रामलीला मैदान में दलित सम्मेलन बुलाया है। पायलट ने इस सम्मेलन के लिए पूरी ताकत लगा दी है। इस सम्मेलन में उन्होंने प्रदेश के सभी बडेÞ नेताओं के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को भी बुलाया है। प्रदेश कांग्रेस को उम्मीद है कि भाजपा शासन से परेशान दलित समुदाय उनके साथ फिर से जुड़ेगा। सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पायलट ने नेताओं को जिलों की जिम्मेदारी भी सौंपी है। कांग्रेस देश भर में दलित सम्मेलन कर रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार कई प्रदेशों में सम्मेलन सफल नहीं हो पाए है। कांग्रेस आलाकमान की निगाहें भी राजस्थान के दलित सम्मेलन पर लगी हुई है। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि राजस्थान में दलित, मुसलिम और आदिवासी समुदाया हमेशा उनके साथ रहा है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पिछले चुनाव में भाजपा ने भ्रम फैला कर और झूठे वादे कर दलित और आदिवासी तबके को बरगलाया था। भाजपा की हकीकत अब उसके समझ में आ गई है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भंवरलाल मेघवाल का कहना है कि भाजपा सरकार ने दलितों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने तो दलितों के लिए कांगे्रस शासन में चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं को ही बंद कर दिया। प्रदेश में दलित और कमजोर वर्ग हमेशा कांग्रेस के समर्थन में रहा है। कांग्रेस ने ही कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए काम किया है। दलितों और आदिवासियों का अब भाजपा से मोहभंग हो गया है। उन्हें भाजपा की असलियत समझ में आ गई है। प्रदेश में वसुंधरा सरकार ने एक भी दलित को कैबिनेट स्तर का मंत्री नहीं बना कर अपनी मंशा साफ कर दी है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में दलित और मुसलिम के साथ ही आदिवासी तबके के बीच पार्टी ने सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी दलित सम्मेलन के बाद आदिवासी वर्ग के लिए भी बड़ा आयोजन उदयपुर में करेगी। प्रदेश के सभी नेताओं की निगाहें अब दलित सम्मेलन की सफलता पर लगी हुई है। पार्टी का मानना है कि दलित सम्मेलन के कामयाब रहने पर मजबूती मिलेगी।
इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह पनपेगा। पार्टी मुसलिम समुदाय को भी अपने से जोड़े रखने में लगी हुई है। इसके कांग्रेस का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ मुसलिम वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाने में लगा हुआ है। प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी दलित और मुसलिम को चुनाव नहीं जिता पाई थी। इससे ही कांग्रेस को बडा झटका लगा था। भाजपा ने अपने दो मुसलिम उम्मीदवारों को जिता कर विधायक बनाया था। इनमें से एक यूनुस खान तो वसुंधरा सरकार में ताकतवर कैबिनेट मंत्री है।