राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। गहलोत ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि महात्मा गांधी का संदेश प्रधानमंत्री मोदी को झकझोरेगा और वह कृषि कानूनों पर कोई फैसला करेंगे। गहलोत ने कहा कि सरकार तो सरकार है, यदि एक बार जनता ने आपको चुन लिया है अब आप वास्तव में 56 इंच का सीना दिखाओ। अभी तक तो सिर्फ कहा है, अब करके दिखाओ कि 6-7 साल तो हमने जल्दी-जल्दी में फैसले कर लिए, अब हम चाहेंगे कि सभी जाति, सभी धर्म, सभी वर्गों के लोगों को साथ लेकर के चलें।

बता दें कि गहलोत ने दांडी मार्च की 91वीं वर्षगांठ के अवसर पर जयपुर में आयोजित मार्च को रवाना किया। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कृषि कानूनों को लेकर जारी आंदोलन पर कहा, ‘‘आज के दिन दांडी मार्च के उपलक्ष्य में नरेंद्र मोदी खुद भी साबरमती आश्रम से इसको (मार्च) रवाना कर रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि आज शाम तक गांधी जी का संदेश उनको झकझोरेगा। हो सकता है कि शाम तक वो कोई फैसला करें, तो मुझे बहुत खुशी होगी, देशवासियों को खुशी होगी।’’

सरकारों को कभी जिद नहीं करनी चाहिए: इसके साथ ही गहलोत ने कहा, ‘‘यह देश का दुर्भाग्य है कि जिन किसानों ने आजादी की जंग में हिस्सा लिया हो, जो अन्नदाता हो … हम लोग (सरकारें) उनके लिए जिद पकड़कर बैठे हैं। मैं बार-बार कहता हूं कि सरकारों को कभी जिद नहीं करनी चाहिए, सरकारों को हमेशा नतमस्तक होना चाहिए जनता के सामने, जनता जनार्दन के सामने, मतदाताओं के सामने।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अगर इन कानूनों को एक बार वापस ले भी लेती है तो क्या फर्क पड़ेगा। ‘‘एकबार आप वापस ले लीजिए कानून को। 4-6 महीने में आप बुलाकर बात कर लीजिए किसानों से भी, राज्य सरकारों से भी, विपक्ष की पार्टियों से भी, नया कानून लेकर आ जाइए। कुछ नहीं करना है, सिर्फ ये फैसले करने की बात है, जो प्रधानमंत्री मोदी को करना है, सरकार को करना है।

सरकार की संवेदनहीनता से लोगों में आक्रोश: उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन को चार महीने लगभग होने को आए हैं। क्या अब भी वे इतनी हठधर्मिता दिखाएंगे? संवेदनहीनता की पराकाष्ठा हो चुकी है देश में। पूरा मुल्क देख रहा है। इतना आक्रोश है लोगों के अंदर कि कोई कल्पना नहीं कर सकता। उनको अभी ये महसूस नहीं हो रहा है।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘उनको महसूस नहीं हो रहा है, पर पूरे देश में बहुत ज्यादा गुस्सा है, किसानों में तो है ही है, आम लोगों के अंदर भी है। ये सरकार ने क्यों इतना हठ कर रखा है, सरकारें कभी भी जिद नहीं करती हैं, हठ नहीं करती हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, “कम से कम मोदी जी को चाहिए कि आरएसएस के मोहन भागवत जी से बात कर लें, घर में सलाह-मशविरा कर लें, अगर देश को एक रखना है, अखंड रखना है, सही रास्ते पर आ जाएं, वरना जनता सही रास्ते पर लेकर आएगी।”

पूरी दुनिया में हो रही भारत की बदनामी: गहलोत ने कहा कि इस आंदोलन को लेकर पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री प्रधानमंत्री को सही सलाह देंगे जिससे कि उनको वापस सोचने के लिए मजबूर होना पड़े कि मुझे वास्तव में क्या कदम उठाना है किसानों के हित के लिए।’’