ऐसा लग रहा है कि पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू की ग्रहदशाएं सही नहीं चल रही हैं। सूबे में अंदरूनी कलह से परेशान पार्टी में सुलह की स्थिति बन ही नहीं पा रही है। मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू की मुलाकात राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से होने की बात कही जा रही थी, लेकिन राहुल गांधी ने इसका खंडन कर दिया और साफ कहा कि उनकी सिद्धू के साथ कोई बैठक तय नहीं है। इससे सिद्धू को निराशा हाथ लगी।
इसके पहले उनके ऑफिस की ओर से बताया गया था कि वे मंगलवार को एआईसीसी नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात करने के लिए दिल्ली में होंगे। यह बैठक कांग्रेस द्वारा अपनी पंजाब इकाई के भीतर अंदरूनी कलह को खत्म करने के प्रयासों के बीच हो रही है। इस महीने की शुरुआत में सिद्धू पंजाब कांग्रेस के भीतर की अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए कांग्रेस द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल के सामने पेश हुए थे। अब राहुल गांधी के साथ उनकी मुलाकात एआईसीसी के पूर्व प्रमुख के पंजाब के दो दर्जन से अधिक पार्टी नेताओं से मिलने के बाद होने की बात कही गई थी। ऐसी खबरें आई थीॆ कि सिद्धू पीपीसीसी प्रमुख पद के लिए दौड़ में हैं, पार्टी ने केवल यह कहा है कि सिद्धू के लिए कई भूमिकाएं हैं।
सिद्धू के सीएम अमरिंदर सिंह के साथ विभिन्न मुद्दों पर गंभीर मतभेद रहे हैं। इसको लेकर राहुल गांधी से मुलाकात करके सिद्धू अपना पक्ष रखना चाहते थे। पंजाब में अगले साल के शुरू में ही विधानसभा चुनाव है। ऐसे में इस तरह के राजनीतिक मतभेद पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर बुरा असर डालेंगे।
हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सिद्धू ने कहा था कि अगर पंजाब के विकास के उनके एजेंडा पर अमल किया जाए तो वे जिला परिषद के सदस्य तक बनने और सीएम अमरिंदर सिंह के पीछे चलने तक को तैयार हैं। कहा, “मैं शोपीस नहीं हूं। जिसे आप चुनावी अभियान में निकालें, चुनाव जीतें और बाद में आलमारी में बंद करके रख दें। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? राज्य के हित के ऊपर निहित स्वार्थ को कैसे रख सकते हैं?” कहा यह हमारे लिए असहनीय है।