पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया। राजस्थान के उदयपुर में तीन दिनों तक पार्टी के नेताओं द्वारा मंथन किया गया कि भविष्य में पार्टी की रणनीति क्या होगी? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पंजाब में पार्टी से कहां चूक हुई, जिसके कारण पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, “पंजाब में आम आदमी पार्टी के सफल होने का कारण स्पष्ट है। आम आदमी पार्टी यहां मुख्य विपक्षी दल थी। अगर कांग्रेस दो साल पहले कुछ बदलाव करती तो बेहतर होता। लेकिन इसे एक तरफ छोड़ दें। हरियाणा में आम आदमी पार्टी की मौजूदगी नहीं है। हरियाणा में लोग सिर्फ कांग्रेस को ही विकल्प के तौर पर देखते हैं।”

वहीं अरविन्द केजरीवाल द्वारा आम आदमी पार्टी के हरियाणा में विस्तार करने पर हुड्डा ने कहा, “जहां तक ​आम आदमी पार्टी का सवाल है, हर पार्टी को आकर लोगों को समझाना होगा। लेकिन हरियाणा में लोग कांग्रेस में ही विकल्प देखते हैं। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं जमीनी हकीकत जानता हूं। हरियाणा तीन तरफ से दिल्ली से घिरा हुआ है और दिल्ली में इतने सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद ‘आप’ हरियाणा में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाई। पंजाब अलग है और हर राज्य की अलग-अलग राजनीतिक स्थितियां होती हैं।”

बीजेपी और आम आदमी पार्टी की सफलता पर भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, “लोकतंत्र में एक सत्तारूढ़ दल और एक विपक्ष शामिल होता है। विपक्ष तभी सत्ता में आता है जब वह लोगों को वादा या शक्ति देने में सक्षम होता है। हम उसमें असफल रहे। 2009 में लालकृष्ण आडवाणी एक दिग्गज थे, लेकिन वे लोगों से यह वादा नहीं कर पाए कि वे सरकार बनाएंगे। लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी ने ये वादा दिया और वो जीत गए। राजनीति में एक घटना भी पूरी कहानी बदल सकती है। चलिए देखते हैं क्या होता है।”

कांग्रेस की नीतियों पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा, “जहां तक ​​नीतियों की बात है तो कांग्रेस गरीबों, किसानों और मजदूरों के लिए है। लेकिन वर्तमान एनडीए सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव किया है और परिणाम आप देख सकते हैं। अमीर और अमीर हो रहे हैं और गरीब और गरीब होते जा रहे हैं।”