Punjab News: पंजाब के एक गांव में यूपी-बिहार से आकर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को लेकर एक ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया गया, जिसके बारे में जिसे भी पता चला, उसने इस फरमान की निंदा ही की। मजदूरों पर बंदिशें लगाते हुए कहा गया कि 9 बजे के बाद प्रवासी मजदूर अपने घर से बाहर तक नहीं निकल सकेंगे। इतना ही नहीं, इन मजदूरों के लिए पान-मसाला गुटखा खाने और थूकने, सिगरेट को लेकर भी तमाम तरह के नियम और प्रतिबंध तक लगा दिए गए हैं, जिसके बाद मामले में पुलिस एक्टिव हुई।

दरअसल, ये मामला पंजाब के खरड़ के एक छोटे से गांव जंडपुर का है। इस गांव में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं। इन मजदूरों की आवाजाही पर लगाम लगाने को लेकर 11 तरह के नियम जारी किए गए हैं, जिसने सभी को चौंका दिया है। इन नियमों की लिस्ट के बोर्ड जगह-जगह गांव के प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं।

UP-Bihar के लोगों के लिए 9 बजे के बाद कर्फ्यू

गांव में यूपी बिहार के मजदूरों के लिए सबसे बड़ा प्रतिबंध यह है कि वे 9 बजे के बाद बाहर ही नहीं निकल सकते हैं। इसके अलावा अन्य दिशा-निर्देशों में प्रवासियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होने की बात कही गई है। वहीं उनके गांव की सड़कों पर थूकने पर रोक से लेकर सिगरेट पीने, तंबाकू चबाने और पान खाने पर प्रतिबंध शामिल हैं।

कपड़े तक को लेकर बनाए अजीबो-गरीब नियम

इन प्रतिबंधों के अलावा प्रवासियों को संपत्ति किराए पर देते समय मकान मालिकों द्वारा कूड़ेदान उपलब्ध कराने की अनिवार्यता शामिल है। इस प्रतिबंधों की लिस्ट में यह भी सख्त आदेश दिया गया है कि एक कमरे में दो से ज्यादा लोग नहीं रह सकेंगे। ये यूपी बिहार के प्रवासी मजदूर आधे कपड़े पहनकर बाहर नहीं घूम सकेंगे।

सिख धर्म के अपमान का लगाया आरोप

इसके अलावा अगर कोई प्रवासी मजदूर स्थानीय व्यक्ति या गांव के व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो इसकी सीधी जिम्मेदारी घर के मालिकों की होगी। ग्रामीणों ने प्रवासियों, ख़ास तौर पर यूपी और बिहार के लोगों पर आरोप लगाया है कि वे गांव के गुरुद्वारे के बाहर सड़कों पर थूकते हैं, जो कि उनके सिख धर्म के लिहाज से बेहद ही अपमानजनक स्थिति है।

पुलिस ने ग्रामीणों को दी चेतावनी

इस तुगलकी फरमान को लेकर अब पंजाब पुलिस की स्थानीय यूनिट ने एक्शन लिया है। लोकल थाना प्रभारी अमरिंदर सिंह अपनी पूरी फोर्स के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने गांव के लोगों से सख्ती से कहा कि बेतुके फरमान कतई जारी न करें, क्योंकि वे किसी को भी कहीं भी आने-जाने से नहीं रोक सकते हैं। पुलिस ने ग्रामीणों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गांव के लोगों ने किसी दूसरे राज्य के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया, तो उनके खिलाफ बहुत ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में दूसरे राज्यों से गांव में आए कई लोगों के बयान भी लिए, और कहा कि अगर उन्हें गांव में कोई परेशान करता है, तो तुरंत पुलिस से मामले की शिकायत दर्ज करवाएं। हालांकि एक अहम बात यह है कि गांव में रहने वाले लोगों के पुलिस वेरिफिकेशन की मांग जायज मानी गई है।