बाबूराव गुजर ने 1923 में पुणे के बुधवार पेठ की एक गली में गुजर कोल्ड ड्रिंक हाउस शुरू किया। 2023 में गुड़ी पड़वा के मराठी नव वर्ष पर स्टोर (जिसे अब परिवार की तीसरी पीढ़ी संचालित करती है) ने 100 साल पूरे किए। दुकान पर बाबूराव शुरू में शर्बत और नींबू सोडा बेचते थे। एक दिन उन्होंने ठंडे दूध में गुलाब का शरबत मिलाया और उसे बेचना शुरू कर दिया। बाद में उन्होंने लकड़ी की छोटी मशीन से आइसक्रीम बनाना भी शुरू किया। उन्होंने ठंडे दूध के में आइसक्रीम मिलाई और इसे मस्तानी नाम दिया। इसी नाम से यह आज भी जाना जाता है।
धीरे-धीरे परिवार ने अपने व्यवसाय को तीन और ब्रांच तक विस्तारित किया। 20 साल पहले उन्होंने एक सिटी प्राइड के पास खोला और चौथा निलयम टॉकीज़ के पास 16 मार्च 2024 को खोला गया था।
बाबूराव की पोती स्नेहल बाबासाहेब गुजर जो अब 35 साल की हो चुकी हैं, वह कहती हैं, “हमारी मुख्य ब्रांच का नाम अभी भी गुजर कोल्ड ड्रिंक हाउस है, लेकिन हमने हडपसर और सिटी प्राइड ब्रांच का नाम गुजर मस्तानी रखने का फैसला किया है। यह पीढ़ी कोल्ड ड्रिंक को पेप्सी, 7अप, स्प्राइट और कोका कोला जैसे सॉफ्ट ड्रिंक के तौर पर समझती है। हमारे समय में, हम अपनी मस्तानी को कोल्ड ड्रिंक के तौर पर ही बुलाते थे, जैसा कि पुणे के पेठ इलाके के बुजुर्ग लोग जानते हैं। लेकिन युवा पीढ़ी भ्रमित हो जाती है।”
दादा की हुई थी एक्सीडेंट में मृत्यु
हालांकि स्टोर ने समय के साथ अपनी पहचान बनाई है और शहर की विरासत में अपनी जगह बनाई है, लेकिन इसकी शुरुआत काफी मुश्किलों भरी रही। बाबूराव की मस्तानी बेचना शुरू करने के कुछ समय बाद ही एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। उनके दो बेटों ने कारोबार संभाला। स्नेहल याद करते हुए कहती हैं, “उस समय मुझे कुछ भी समझ नहीं आया, मैं छोटी थी। मेरी दादी ही थीं जो हम सभी का मार्गदर्शन करती थीं। लेकिन दुर्घटना के बाद वह भी परेशान रहने लगीं। मेरे चाचा और पिताजी ने अपने पिता की सहायता करते हुए जो कुछ भी देखा था, उसके आधार पर इसे अपनाया।”

वह अपने चचेरे भाइयों के साथ पिछले दस सालों से गुजर कोल्ड ड्रिंक हाउस को मैनेज कर रही हैं। अपने मेन्यू और पिछली सदी में इसमें किए गए बदलावों के बारे में बात करते हुए स्नेहल कहती हैं, “बाजीराव मस्तानी, एक मिक्स फ्रूट फ्लेवर ड्रिंक है, जो पहले सबसे मशहूर मस्तानी थी। यह अभी भी मशहूर है, लेकिन हमने इसमें नए फ्लेवर जोड़े हैं। हमारे पास करीब 200 फ्लेवर हैं, जिनमें दही मस्तानी, ठंडाई, ड्राई फ्रूट और फालूदा से जुड़े कई नए फ्लेवर शामिल हैं।”

स्नेहल ने याद किया बचपन
स्नेहल ने स्कूल में पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए बताया कि, “एक दादा बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़े लेकर आते थे और एक दूधवाला कच्चा दूध देता था। हम दूध को गर्म करते थे, फिर गर्म दूध को एक बड़े जार में डालते थे और एक छोटे डिब्बे में बर्फ के टुकड़े डालते थे। रसोइये इसे हिलाते थे और मस्तानी बनाने के लिए उस दूध का इस्तेमाल करते थे।” मूल रूप से पुणे से आने वाला पूरा गुजर परिवार पेठ में दुकान के ऊपर वाली मंजिल पर रहता था।
दाम में हुआ इजाफा
वैसे तो स्टोर में वही पुरानी खूबसूरती बरकरार है, लेकिन पिछले कुछ सालों में सिर्फ़ एक चीज़ बदली है और वो है कोल्ड ड्रिंक्स की कीमत। जब स्नेहल स्कूल में थीं, तब एक मस्तानी की कीमत 15 रुपये थी और एक स्कूप आइसक्रीम के लिए 7 रुपये चुकाने पड़ते थे। आज बाजीराव मस्तानी की कीमत 90 रुपये है जबकि स्पेशल वर्जन की कीमत 110 रुपये है।