चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाथ जोड़कर कहा, ‘कांग्रेस ने हमारा जीत का ट्रैक रिकॉर्ड खराब किया, कांग्रेस खुद सुधरती नहीं है और हमको भी डुबा देगी। इस पार्टी के साथ कभी नहीं काम करना’। किशोर मंगलवार ( 31 मई, 2022 ) को जन सुराज यात्रा के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह के पैतृक आवास पहुंचे थे। यहां श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की।

प्रशांत किशोर ने कहा कि अब तक उन्होंने एक ही चुनाव हारा है, वो यूपी विधानसभा का है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के लिए काम किया था। प्रशांत ने कहा कि 2011 से 2021 तक वह 11 चुनाव से जुड़े रहे, जिसमें से एक ही चुनाव हारे। बंगाल चुनाव का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा- ‘2021 में बीजेपी से शर्त लगी थी कि कौन जीतेगा। मैंने कहा था कि हारेगा नहीं, 100 से नीचे रोक दूंगा। मात्र 77 पर ही रोक दिया था। भगवान का आशीर्वाद है। जब मेरी बात सही हो गई तो सोचा इस फील्ड में बहुत हो गया। अब कुछ नया करते हैं।’

प्रशांत किशोर ने कहा कि वो साल 2015 में नीतीश कुमार से मिले। नीतीश कुमार ने कहा कि आप बिहार में आकर काम करें। इसलिए बिहार विकास मिशन से एक योजना शुरू की गई थी। उसमें कुछ युवाओं को नौकरी मिली, लेकिन जितना मैं चाहता था, उतना नहीं हुआ।

2015 में बिहार में महागठबंधन का चुनाव कराया। 2017 में पंजाब का चुनाव जीते। 2019 में जगन मोहन रेड्डी के साथ आंध्र प्रदेश का चुनाव जीते। 2020 में केजरीवाल के साथ दिल्ली का चुनाव जीते। 2021 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल का चुनाव जीते। 2017 में एक चुनाव उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए हार गए। उसी के बाद हाथ जोड़ लिया कि अब इस पार्टी के साथ काम नहीं करना है। इस पार्टी ने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि वो यह नहीं कहेंगे कि कांग्रेस पार्टी खराब है, लेकिन वो दल अपनी गलतियों से सीखने के लिए तैयार नहीं है। और ऐसे में आप बेहतरी की उम्मीद नहीं कर सकते। आपको जनता के मूड को समझना होगा। जमीन पर उतरना होगा। बता दें,