उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस से जुड़े मशहूर रणनीतिकार प्रशान्त किशोर और पार्टी नेताओं ने मिशन-2017 की रणनीति तैयार करने के लिए एक बैठक की। गुरुवार को हुई इस बैठक में पार्टी के राज्य, जिला और नगर इकाइयों के पदाधिकारी मौजूद थे। हालांकि पार्टी ने किशोर की भूमिका को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने बैठक के बाद बताया कि 2017 की रणनीति के लिए पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर संबंधित जिला और नगर अध्यक्षों से सुझाव मांगे गए। प्रशांत किशोर की मौजूदगी में हुई बैठक में मिली इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करेगी।
प्रदेश पार्टी पदाधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक में प्रशांत किशोर कुछ नहीं बोले वे सिर्फ पदाधिकारियों के विचार सुनकर लिखते रहे। पार्टी नेता प्रशांत किशोर की भूमिका पर खामोश हैं। कांग्रेस महासचिव और पार्टी के प्रांतीय प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने भी कहा कि कई विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और कई डाक्टरों ने प्रदेश में कांग्रेस की मदद करने के लिए उनसे संपर्क किया था।
उसी तरह प्रशांत किशोर भी जुड़े हैं। कांग्रेस की ओर से किसी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने की संभावना संबंधी सवाल पर मिस्त्री ने कहा कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजे जाते हैं और स्क्रीनिंग कमेटी में विचार के बाद नाम तय होता है।
इस प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मिस्त्री की अगुआई में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जारी है। बहुत जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने चुनाव में दूसरे दलों के साथ गठबंधन का सुझाव भी दिया। हालांकि पार्टी ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।