जम्मू-कश्मीर के सियासी माहौल में अब एक नेता और कदम रखने जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने संकेत किया है कि वह अब जनता के साथ उनके मुद्दों को लेकर सार्वजनिक रूप से बात करेंगी और इस माध्यम से राज्य की सियासत में कदम रखेंगी। इल्तिजा मुफ्ती 35 साल की हैं, लगभग उसी उम्र की जब उनकी मां महबूबा मुफ्ती राजनीति में आई थीं। 27 मई को पीडीपी के ट्विटर हैंडल पर दो मिनट के वीडियो संदेश के माध्यम से इल्तिजा ने कहा कि वह पाक्षिक वीडियो के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ सीधे बातचीत करेंगी और उनके जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों और निर्णयों के बारे में बात करेंगी। इस मैसेज में हैशटैग ‘आपकी बात इल्तिजा के साथ’ था।

केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए इल्तिजा पहले से ही सोशल मीडिया पर एक जानी-पहचानी आवाज है। 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जा खत्म करने के बाद मुफ्ती की लंबी कैद के दौरान, इल्तिजा ने अपनी मां का ट्विटर हैंडल चलाया था। जम्मू-कश्मीर में संचार और आवाजाही पर प्रतिबंध पर उनके कई पोस्ट देखे गए थे।

नवंबर 2021 में, इल्तिजा को पहली बार सार्वजनिक रूप से सियासी मैदान में देखा गया था, जब उन्होंने श्रीनगर में राजभवन के बाहर एक मुठभेड़ में नागरिकों की हत्या के खिलाफ पीडीपी के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था।

जम्मू-कश्मीर में राजनीति के साथ एक आभासी गतिरोध पर किसी ने भी मुफ्ती की तीसरी पीढ़ी के इतनी जल्दी औपचारिक शुरुआत की उम्मीद नहीं की थी। इल्तिजा अपनी आकांक्षाओं के बारे में विनम्र हैं, अभी के लिए केवल ऑनलाइन बातचीत का लक्ष्य है। द इंडियन एक्सप्रेस को उन्होंने बताया, “अगर मैं लोगों के साथ अपनी बातचीत को गांवों तक ले जाने का फैसला करती हूं, तो मुझे उसी दिन नजरबंद कर दिया जाएगा।”

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्नातकोत्तर, इल्तिजा का कहना है कि उनका राजनीतिक बपतिस्मा उनके लिविंग रूम में शुरू हुआ, जहां वह अपनी मां और अपने दादा, पीडीपी संस्थापक और पूर्व सीएम दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के बीच बातचीत को सुनती थीं।

वह हंसते हुए बोलीं “मैं नौ या दस साल की थी, और मैं निश्चित रूप से उनकी कहानियों के पात्रों को जानती थी। जब उन्हें एहसास हुआ कि मैं समझ रही हूं कि वे क्या चर्चा कर रहे हैं, तो उन्होंने मुझे जाने दिया।” इल्तिजा की बड़ी बहन श्रीनगर में जनसंपर्क पेशेवर हैं और उनकी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है।

इल्तिजा कहती हैं, उनकी मां के संघर्षों ने भी उन पर गहरा छाप छोड़ा। मुफ्ती ने 1996 में राजनीति में कदम रखा, जब उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बिजबेहरा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। इल्तिजा कहती हैं कि दो बेटियों की सिंगल मदर के रूप में उन्हें वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ी। “वह हर गली को अपने हाथ के पिछले हिस्से की तरह जानती थी।”