जेएनयू में लगे देश विरोधी नारे के मामले पर संसद में बुधवार को गर्मागर्म बहस हुई। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। बीजेपी सांसद ने जब बोलना शुरू किया तो उसके कुछ देर बाद ही राहुल बाहर चले गए। इस पर अनुराग ठाकुर ने चुटकी ली, ”अरे कहां गए? अब मैं किससे जवाब मांगूंगा।” अनुराग ने कहा कि देश सैनिकों के बलिदान पर गर्व करता है, लेकिन देश जेएनयू के इन स्टूडेंट्स पर शर्मसार है।
अनुराग ठाकुर ने कहा, ”क्या आप उन लोगों के साथ हैं, जो संसद को गिराने की बात करते हैं या उनके साथ जो इसकी रक्षा करते हैं? यह आपको तय करना है कि आप किसके साथ हैं? आप हत्यारों के साथ हैं या रक्षकों के साथ हैं? जेएनयू में नारे लगे कि कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी, भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी। जेएनयू के स्टूडेंट्स अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगा रहे थे। मैं जानना चाहता हूं कि अफजल गुरु कौन था? यह सवाल भी उठता है कि वो छात्र संगठन कौन सा है, जिसके साथ राहुल गांधी ने जेएनयू में मंच साझा किया? कांग्रेस का नारा है, फैमिली फर्स्ट, पार्टी सेकंड, नेशन लास्ट।”
Rahul Gandhi goes to a University named after his grandfather & supports anti-nationals: Anurag Thakur in LS pic.twitter.com/73KDjXJtDG
— ANI (@ANI_news) February 24, 2016
Congress’ slogan is Family first, Party second…Nation last: Anurag Thakur in Lok Sabha
— ANI (@ANI_news) February 24, 2016
राहुल ने कहा, मुझसे डरती है सरकार
लोकसभा में जेएनयू विवाद पर चर्चा किए जाने के संबंध में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सदन के बाहर कहा कि सत्ता पक्ष मुझे बोलने नहीं देगा क्योंकि वे डरते हैं। उन्होंने कहा, “आप देखना, वे (सत्ता पक्ष) मुझे बोलने नहीं देगा क्योंकि मैं जो बोलने वाला हूं वे उससे डरे हुए हैं।”
राज्यसभा में रोहित वेमुला का मुद्दा
वहीं दूसरी ओर राज्यसभा में बुधवार को रोहित वेमुला मुद्दा जोरशोर से उठा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पीएचडी स्कॉलर व दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी पर केंद्र सरकार को घेरा। मायावती ने कहा, “मोदी सरकार में दलित छात्रों का उत्पीड़न हो रहा है, आंबेडकर को मानने वालों पर अत्याचार किया जा रहा है।”
रोहित वेमुला की आत्महत्या पर मायावती ने कहा, “उसे (रोहित को) खुदकुशी करने के लिए मजबूर किया गया।” उन्होंने केंद्र पर विश्वविद्यालयों में संघ की विचारधारा थोपने का भी आरोप लगाया।
इस दौरान एक समय ऐसा भी आया जब उपसभापति पीजे कुरियन को उन्हें (मायावती को) रुपकने के लिए कहना पड़ा, लेकिन मायावती लगातार बोलती रहीं। कुरियन के बार-बार आग्रह करने पर भी वह चुप नहीं हुईं जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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